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NSA अजीत डोभाल से मिले रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव, रुपये में व्यापार पर कही यह बात

रूसी अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार, आर्थिक और मानवीय सहयोग से जुड़े व्यापक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.

ajit doval

रूसी डिप्टी पीएम डेनिस मंटुरोव व एनएसए अजीत डोभाल

रूस के डिप्टी पीएम और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंटुरोव ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को लागू करने के लिए कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने और व्यापार को और ज्यादा बैलेंस करने संबंधी मुद्दों पर बातचीत की. रूस रणनीतिक तौर पर भारत का अहम साझीदार रहा है. लिहाजा, वैश्विक स्तर पर बदलते नए परिवेश को देखते हुए दोनों देश अपने संबंधों को और पुख्ता करने पर बल दे रहे हैं. रूसी उप प्रधानमंत्री दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं.

क्या भारतीय रुपये में व्यापार करेगा रूस?

रुपये को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मुद्रा के रूप में पहचान दिलाने में फिलहाल रूस ने कुछ खास रुचि नहीं दिखाई है. डेनिस मंटुरोव ने रूस के साथ रुपये में व्यापार बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत से आयात में कमी के कारण दोनों देशों के बीच रुपये में व्यापार मुश्किल है. उन्होंने रुपये में व्यापार के लिए चीन जैसी व्यापारिक शक्ति बनने का उदाहरण दिया.

NSA अजित डोभाल से मुलाकात से पहले मीडिया से बातचीत में रूस के उप प्रधानमंत्री एवं वाणिज्य मंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा, “चीन के साथ हमारा व्यापार 200 बिलियन डॉलर का है और यह संतुलित भी है.” उन्होंने कहा, “भारत की तरफ से कमी के कारण रुपये का इस्तेमाल करना पर्याप्त नहीं है. लिहाजा, हमें भारत से व्यापार को बढ़ावा देने की जरूरत है, फिर व्यापार के संतुलन का आंकलन करेंगे.”

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डेनिस मंटुरोव के पास ही रूस के व्यापार और उद्योग मंत्रालय का जिम्मा है. रूस के एक अधिकारी ने बताया कि व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर-सरकारी रूस-भारत आयोग के सह-अध्यक्ष दोनों देशों के कारोबारी प्रतिनिधियों से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग (आईजीसी) की एक पूर्ण बैठक मंगलवार को आयोजित की जाएगी, जिसके बाद सह-अध्यक्ष 24वीं आईजीसी बैठक के अंतिम प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करेंगे.

डेनिस मंटुरोव दिल्ली यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. मंटुरोव की यह यात्रा भारत-रूस के व्यापारिक रिश्तों में फिर से बढ़ोतरी होने, खासकर नयी दिल्ली द्वारा रूस से रियायती दामों पर कच्चा तेल खरीदने की पृष्ठभूमि में हो रही है. भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अब तक निंदा नहीं की है और कहा है कि संकट को कूटनीति और संवाद के जरिए हल किया जाना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस

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