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‘वारिस पंजाब दे’ के अगुआ अमृतपाल की मुश्किलें बढ़ीं, 1 साल के लिए बढ़ाई गई हिरासत, हाल ही में बना था सांसद

पंजाब से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह और नौ अन्य आरोपियों की हिरासत को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. वे सभी पिछले साल मार्च से असम की जेल में बंद हैं.

Amarpal singh

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह

Amritpal Singh News: खालिस्तान समर्थक ​गतिविधियों में लिप्त रहे अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत शिकंजा कसा गया है. असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत उसकी हिरासत आज एक साल के लिए और बढ़ा दी गई. अमृतपाल के अलावा नौ अन्य की हिरासत भी इसी तरह बढ़ाई गई है.

अमृतपाल पिछले साल मार्च से जेल में है. हाल में ही उसने लोकसभा चुनाव—2024 में पंजाब से चुनाव लड़ा था और जीत भी गया था. बता दें कि अमृतपाल ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन का मुखिया है, उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक्शन लिया गया था. अधिकारियों का कहना है कि उसकी और उसके तीन सहयोगियों की हिरासत 24 जुलाई को समाप्त होने वाली थी, जबकि छह अन्य सहयोगियों की हिरासत 18 जून को समाप्त होने वाली थी. अब उनकी हिरासत बढ़ा दी गई है.

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खडूर साहिब सीट से जीता था चुनाव

हाल ही में हुए आम चुनाव में, सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों से हराया था. अमृतपाल सिंह के समर्थक व उससे सहानुभूति रखने वाले उसे 1984 में भारतीय सेना के ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए सिख अलगाववादी जनरैल सिंह भिंडरावाले की परंपरा का एक नया नेता मानते हैं. अमृतपाल खुद भी भिंडरावाले को अपने लिए प्रेरणा मानता है.

भिंडरावाले से की जाती है तुलना

खालिस्तान समर्थक प्रचारक और स्वयंभू उपदेशक अमृतपाल सिंह जेल जाने से पहले अलगाववादी दुष्प्रचार कर रहा था. शक्ल और नेवी ब्लू पगड़ी, सफ़ेद चोला व तलवार के आकार की कृपाण धारण करने के कारण उसकी तुलना भिंडरावाले से की जाने लगी. हालांकि, उसे अब सलाखों के पीछे रहना पड़ रहा है.

— भारत एक्सप्रेस

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