यशवंत सिन्हा
इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने आज सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है और जल्द ही पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल हो सकते हैं. अपना नामांकन वापस लेने के बाद बम भाजपा के स्थानीय कार्यालय पहुंचे. बम के नामांकन वापस लेने के बाद देश की सियासत भी गर्मा गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने एक्स एकाउंट (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट किया है कि तुम उम्मीदवार खड़ा करोगे हम उसको खरीद लेंगे.
Tum candidate khada karoge, hum usko kharid lenge.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) April 29, 2024
कांग्रेस ने जताई अक्षय कांति बम को लेकर नाराजगी
बम के नामांकन वापस लेने के बाद इंदौर की शहर कांग्रेस इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पार्टी संगठन पर खुलकर नाराजगी जताई. यादव ने कहा, “मैंने खुद इंदौर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगा था, लेकिन मेरी और मेरे जैसे कांग्रेस के कई जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करके बम की धन की ताकत देखकर उन्हें टिकट दिया गया.” उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ही आशंका थी कि बम ऐन वक्त पर नामांकन वापस ले सकते हैं.
इंदौर भाजपा का मजबूत गढ़
भाजपा का मजबूत गढ़ कहे जाने वाले इंदौर में कांग्रेस ने एकदम नये-नवेले चेहरे बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था. बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. बम ने अपने राजनीतिक कॅरियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. कांग्रेस ने उन्हें इंदौर से ऐसे वक्त उम्मीदवारी का मौका दिया था, जब जिले में कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों समेत पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता लोकसभा चुनावों से पहले पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
इंदौर सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) और बम के बीच होना माना जा रहा था. मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है जहां भाजपा ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है.
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