ईरान द्वारा जब्त किए गए इजरायल से जुड़े जहाज पर सवार 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों में से एक की सकुशल स्वदेश वापसी हो गई है. मालवाहक पोत एमएससी एरीज पर सवार भारतीय चालक दल में शामिल केरल के त्रिशूर की रहने वाली महिला कैडेट ऐन टेस्सा जोसफ आज कोचीन पहुंचीं. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है. वहीं तेहरान में भारतीय मिशन एमएससी एरीज के चालक दल के बाकी सदस्यों की कुशलता के लिए ईरान के अधिकारियों के साथ विदेश मंत्रालय संपर्क में है.
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने किया स्वागत
नई दिल्ली के लिए इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. केरल के त्रिशूर की एन टेस्सा जोसेफ, इजरायल से जुड़े मालवाहक जहाज ‘एमएससी एरीज’ के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों में से एक थी, जिस पर ईरान द्वारा कब्जा कर लिया गया था. भारतीय डेक कैडेट गुरुवार दोपहर कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं जहां कोचीन के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने उसका स्वागत किया. ईरान में भारतीय दूतावास ने, ईरानी अधिकारियों के सहयोग से, उसकी वापसी की सुविधा प्रदान की.
विदेश मंत्री ने कही मोदी की गारंटी की बात
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इसे लेकर खुशी जताते हुए ट्वीट किया, “ईरान में भारतीय दूतावास द्वारा बहुत अच्छा काम. खुशी है कि सुश्री एन टेसा जोसेफ घर पहुंच गईं. मोदी की गारंटी हमेशा देश या विदेश में काम करती है.”
कंटेनर जहाज की जब्ती के मद्देनजर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की, जिसमें 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया गया. इससे पहले, दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और तनाव से बचने के महत्व पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि तेहरान में भारतीय मिशन कंटेनर जहाज के शेष 16 भारतीय चालक दल के सदस्यों के संपर्क में था, जो वर्तमान में ईरानी नियंत्रण में है.
अन्य 16 सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि चालक दल के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा है और वे अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा, “तेहरान में भारतीय मिशन मामले से अवगत है और कंटेनर जहाज के शेष 16 भारतीय चालक दल के सदस्यों के संपर्क में है। चालक दल के सदस्य अच्छे स्वास्थ्य में हैं और भारत में अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं।”