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Onion Price : टमाटर की तरह प्याज भी हो जाएगा महंगा? सरकार ने उठाया बड़ा कदम, ये सब्जी विदेश में बेची तो लगेगा 40% शुल्क

Onion price in India: टमाटर की तरह प्याज की कीमतें आसमान में न पहुंचे, इसके लिए मोदी सरकार पहले से अलग-अलग कदम उठा रही है. टमाटर की कीमतें अब जाकर कहीं कम होने लगी हैं. हालांकि, अब भी टमाटर 100 रुपये किलो से अधिक में बिक रहा है.

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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 से 2023-24 के बीच उच्च खपत वाले क्षेत्रों में रबी सीजन की खरीद के कारण प्याज का वार्षिक बफर एक लाख टन से तीन लाख टन तक होगा

Onion price hike: पिछले काफी समय से देशभर में टमाटर की बढ़ी कीमतों को लेकर मचे कोहराम के बीच अब प्याज के दाम बढ़ने की आशंका है. प्‍याज महंगा हो, इससे पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगा दिया है. शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 40% शुल्क लगाएगी. यानी प्याज को विदेश में बेचने पर विक्रेता को 40% शुल्क सरकार को देना होगा.

बता दें कि प्याज की कीमत में बढ़ोतरी दिखनी शुरू हो गई है. 10 अगस्त तक, प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमत 27.90 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक की वृद्धि दर्शाती है. ऐसे में प्याज की कीमतें बढ़ने की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर शुल्‍क लगाने का फैसला लिया है. पिछले हफ्ते ही सरकार ने अक्टूबर में नई फसल के आने तक कीमतों को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से विशिष्ट क्षेत्रों में अपने बफर स्टॉक से प्याज बाजार में उतारने की घोषणा की थी.

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प्याज की कीमत में बढ़ोतरी न हो, इसलिए जुटी सरकार

बहरहाल, केंद्र सरकार प्याज के वितरण के लिए अलग-अलग माध्यम खोज कर रही है, जिसमें ई-नीलामी, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और उपभोक्ता सहकारी समितियों और निगमों द्वारा संचालित अपने खुदरा दुकानों के माध्यम से छूट की पेशकश करने के लिए राज्य अधिकारियों के साथ साझेदारी शामिल है. बताया जा रहा है कि सरकार ने कम आपूर्ति की अवधि के दौरान कीमतों में किसी भी अप्रत्याशित उछाल से निपटने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) के भीतर 3 लाख टन प्याज का स्टॉक किया हुआ है.

एमपी और महाराष्ट्र से खरीदी गई 1.50 लाख टन प्याज

इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) ने भी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 1.50 लाख टन प्याज खरीदी थी. इसके अलावा, प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए सरकार ने पायलट आधार पर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) की मदद से एक और कदम उठाया था.

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देश में रबी सीजन से प्राप्त होती है 65% प्याज

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को प्याज की लगभग 65% आपूर्ति रबी सीजन से प्राप्त होती है, जिसकी कटाई अप्रैल-जून के दौरान होती है. फिर अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई होने तक उपभोक्ताओं की मांग को पूरा किया जाता है.

— भारत एक्सप्रेस

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