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Parliament Security Breach: 7 दिन की रिमांड पर भेजे गए संसद में उत्पात मचाने वाले सभी आरोपी, स्पेशल सेल करेगी पूछताछ

रिमांड में चारों आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ करेगी. वहीं संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले कथित मास्टरमाइंड ललित झा की तलाश सुरक्षा एजेंसियों को अब भी है.

Parliament Security Breach: चारों आरोपी

Parliament Security Breach: चारों आरोपी

Parliament Security Breach: संसद में कूदने वाले और बाहर से उनका समर्थन करने वाले चारों आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया. जहां अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.लोकसभा में कूदने वाले दोनों लोगों का नाम सागर शर्मा और मनोरंजन डी. है. वहीं, संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान नीलम और अमोल शिंदे के रूप में हुई है.

रिमांड में चारों आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ करेगी. वहीं संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले कथित मास्टरमाइंड ललित झा की तलाश सुरक्षा एजेंसियों को अब भी है. ललित झा का लास्ट लोकेशन राजस्थान था.सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की एक टीम को राजस्थान रवाना कर दिया गया है.

डी मनोरंजन ने ‘स्मोक बम’ की तस्करी!

बता दें कि बुधवार को लोकसभा में दो आरोपियों ने कार्यवाही के दौरान उत्पात मचा दिया था. लखनऊ के सागर शर्मा और मैसूर के डी मनोरंजन ने ‘स्मोक’ की तस्करी की थी, जिसे उन्होंने संसद के अंदर छोड़ा था. गाढ़े पीले धुएं से कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई. दोनों को जल्द ही सांसदों और संसद के वॉच एंड वार्ड कर्मचारियों ने पकड़ लिया और उन पर काबू पा लिया.वहीं संसद के बाहर दो और लोग धुआं बम लेकर नारे लगा रहे थे. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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UAPA के तहत आरोपियों पर कार्रवाई

इन चारों पर सख्त आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. उनके साथी विशाल शर्मा और उनकी पत्नी, जिनके गुरुग्राम स्थित घर में वे संसद पहुंचने से पहले रुके थे, को हिरासत में लिया गया है. मुख्य साजिशकर्ता और कथित मास्टरमाइंड ललित झा फरार है.

पुलिस ने कहा कि विजिटर पास नहीं मिलने के कारण झा बाहर रुका था और नीलम और अमोल शिंदे के ‘विरोध’ का वीडियो बनाया था. जांचकर्ताओं ने कहा कि उसे आखिरी बार राजस्थान के नीमराणा में देखा गया. आज अदालत में पुलिस ने दलील दी कि पूरा ऑपरेशन एक आतंकी हमले जैसा था. उन्होंने कोर्ट से कहा, “क्या घटना का मकसद सिर्फ अपनी बात कहना था या किसी बड़ी घटना को अंजाम देना था? इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस पूरे मामले में कोई आतंकी संगठन तो शामिल नहीं है.”

-भारत एक्सप्रेस

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