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आप नेता मुकेश अहलावत के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका, चुनावी हलफनामे में गड़बड़ी का आरोप

दिल्ली हाई कोर्ट में मंत्री मुकेश अहलावत के खिलाफ याचिका दायर की गई है, जिसमें चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी छुपाने और लाभ रद्द करने की मांग की गई है.

Mukesh Ahlawat

मुकेश अहलावत

आप नेता और दिल्ली के मंत्री मुकेश अहलावत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में मुकेश अहलावत उन पर चुनाव लड़ने के दौरान जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी दबाने का आरोप लगाया गया है. भविष्य में चुनाव लड़ने से उन्हें अयोग्य ठहराने और लाभों को रद्द करने की मांग की गई है. कोर्ट 3 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करेगा. अधिवक्ता दीपक चौहान के माध्यम से सतीश चौहान द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि अहलावत ने विभिन्न दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान दायर अपने हलफनामों में महत्वपूर्ण विवरणों का खुलासा करने में विफल रहने के कारण चुनाव अधिकारियों को गुमराह किया. याचिका में कहा गया है कि यह धोखाधड़ी और छल है, जो चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से समझौता करता है.

याचिका में क्या कहा गया है?

याचिका के अनुसार, अहलावत ने 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग (ईसी) को एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है. हालांकि, बाद में पता चला कि उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई थीं जिन्हें उन्होंने कथित तौर पर छुपाया था.

याचिका में आगे दावा किया गया है कि अहलावत के हलफनामे में उनकी आय, संपत्ति और यहां तक कि उनके बच्चों की संख्या का भी खुलासा नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता का तर्क है कि इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी को रोकना चुनाव आयोग को गुमराह करने के लिए जानबूझकर किया गया कार्य था.

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि अहलावत ने 2013 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपने हलफनामों में लंबित और निपटाए गए आपराधिक मामलों और अन्य अनिवार्य खुलासों का विवरण छोड़कर इस पैटर्न को दोहराया.


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चुनाव संबंधी आरोपों से परे, याचिकाकर्ता ने पेंशन और मंत्री लाभों के लिए अहलावत के अधिकार को भी चुनौती दी है, यह तर्क देते हुए कि झूठे हलफनामे प्रस्तुत करने के आरोपी व्यक्ति को सार्वजनिक धन प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस



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