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PMJDY के तहत फ्री अकाउंट जमा हैं दो लाख करोड़ से ज्यादा पैसा, मंत्री ने राज्यसभा में दिया ब्यौरा

PM Jan Dhan Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जनधन योजना की शुरुआत की थी जो कि आर्थिक लिहाज से अहम साबित हुई है.

PM Jan Dhan Yojana: जन धन योजना के तहत लोगों ने खूब बैंक अकाउंट खुलवाए थे. जीरो बैलेंस अकाउंट होने के बावजूद लोगों ने कुछ न कुछ पैसे डालकर अकाउंट खोला था, जिसका देश की आर्थिक स्थिति में अहम योगदान देखने को मिला है. अब पता चला है कि 50 करोड़ से ज्यादा बैंक अकाउंट में 2 लाख करोड़ से ज्यादा पैसा जमा है. इसको लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने इसको लेकर संसद के उच्च सदन यानी राज्य सभा में पूछे गए सवाल में अपना जवाब दाखिल किया है.

दरअसल, राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि 29 नवंबर तक, 510.4 मिलियन पीएमजेडीवाई अकाउंट्स खोले गए हैं जिनमें 2.08 लाख करोड़ रुपए डिपॉजिट अमाउंट है. उन्होंने कहा कि देश में जनधन अकाउंट्स की संख्या 500 मिलियन का आंकड़ा पार कर गई है, जिसमें कुल जमा राशि 2 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा है. इसका मतलब है कि देश के जनधन अकाउंट्स में औसत करीब 4000 रुपए जमा हैं.

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केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने कहा कि 29 नवंबर तक, 510.4 मिलियन पीएमजेडीवाई अकाउंट्स खोले गए हैं जिनमें 2.08 लाख करोड़ रुपए डिपोजिट अमाउंट है. मंत्री ने कहा कि पीएमजेडीवाई को 28 अगस्त 2014 को राष्ट्रीय मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य सभी लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाना है. मंत्री ने आगे कहा कि पीएमजेडीवाई योजना में फ्लेक्सी-रिकवरिंग डिपॉजिट जैसे छोटे इंवेस्टमेंट का कोई प्रावधान नहीं है.

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हालांकि, पीएमजेडीवाई खाताधारक अपने बैंकों से स्मॉल इंवेस्टमेंट निवेश का लाभ उठा सकते हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि 22 नवंबर तक 43 मिलियन पीएमजेडीवाई अकाउंट्स में जीरो बैलेंस है क्योंकि इन खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं है. 20वें ग्लोबल इंक्लूसिव फाइनेंस समिट में बोलते हुए, फाइनेंस सर्विस सेकेट्री विवेक जोशी ने प्राइवेट सेक्टर के बैंकों से सरकार के पीएमजेडीवाई और जन सुरक्षा जैसे प्रोग्राम में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए कहा.जोशी ने कहा कि जहां पब्लिक सेक्टर के बैंक सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, वहीं मुख्यधारा के प्राइवेट सेक्टर के बैंक ऐसा नहीं करते हैं और उन्हें इसमें शामिल होने की जरूरत है.

-भारत एक्सप्रेस



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