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दिल्ली में पीएम मोदी-प्रचंड के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर हुई बातचीत: विदेश सचिव क्वात्रा

विदेश सचिव ने कहा कि पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पर निश्चित तौर पर प्रगति हुई है.

Delhi: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 31 मई से 3 जून तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं. बता दें कि यह उनकी भारत की चौथी यात्रा है. पीएम मोदी और नेपाल के पीएम दहल के बीच कई मुद्दों पर वार्ता हुई. वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ ​​​​’प्रचंड’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज दिल्ली में हुई वार्ता के दौरान अर्थव्‍यवस्‍था, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में संबंध मजबूत करने को लेकर बातचीत हुई. नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा पर एक विशेष प्रेस वार्ता में, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, “दोनों नेता काफी व्यापक, रचनात्मक और भविष्योन्मुख चर्चाओं में लगे हुए हैं, जो भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने की दिशा में निर्देशित हैं. हमारे दोनों समाजों के लिए रचनात्मक, प्रगतिशील और लाभकारी तरीके से आगे बढ़ें.”

नेपाल को मिलेगी ज्याादा बिजली

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अगले 10 वर्षों के भीतर नेपाल से भारत को 10,000 मेगावाट तक बिजली के निर्यात की मात्रा बढ़ाने का लक्ष्य है. समझौता ज्ञापनों और अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर करने पर बोलते हुए, क्वात्रा ने कहा कि एनएचपीसी इंडिया द्वारा पश्चिमी नेपाल में 480 मेगावाट फुकोट करनाली जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा, भारत के सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा 679 मेगावाट लोअर अरुण परियोजना के लिए परियोजना विकास समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

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पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना

विदेश सचिव ने कहा कि पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पर निश्चित तौर पर प्रगति हुई है. बता दें कि पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना (पीएमपी) नेपाल और भारत की सीमा से लगी महाकाली नदी में विकसित की जाने वाली एक द्वि-राष्ट्रीय जलविद्युत परियोजना है. पीएम मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के बीच संपर्क पर चर्चा पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संपर्क के लगभग सभी पहलुओं पर चर्चा की. क्वात्रा ने कहा, “मैंने वित्तीय कनेक्टिविटी से संबंधित समझौतों को सूचीबद्ध किया है. एयर कनेक्टिविटी और भारत और नेपाल के बीच कनेक्टिविटी को कैसे बढ़ाया जाए, यह निश्चित रूप से चर्चा में आया, इसके कई तत्व हैं.”

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