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“मैं अपने आराध्य के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं”, पीएम मोदी बोले- छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ नाम नहीं, हमारे लिए देवता हैं

पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें, उनका अपमान करते रहें, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते रहें, और उसके बावजूद माफ़ी मांगने को तैयार न हों.

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

पीएम मोदी आज महाराष्ट्र के एक दिवसीय दौरे पर पालघर पहुंचे. जहां पर उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखी. इस दौरान पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तोड़ी गई मूर्ति की घटना का भी जिक्र किया. जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं. मैं आज अपने आराध्य देव के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं.”

चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं-PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज इस कार्यक्रम के बारे में बात करने से पहले मैं अपने दिल की भावनाएं व्यक्त करना चाहता हूं. जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो सबसे पहले मैंने रायगढ़ किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठकर प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद लिया. पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो कुछ भी हुआ, मेरे और मेरे सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देवता हैं. मैं आज अपने आराध्य देव की चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं.”

“हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो…”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें, उनका अपमान करते रहें, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते रहें, और उसके बावजूद माफ़ी मांगने को तैयार न हों. ऐसे महान सपूतों का अपमान करने के बाद जिन्हें पश्चाताप न हो, उनके संस्कार महाराष्ट्र की जनता जान लें.”

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PM ने वाढवण पोर्ट की नींव रखी

उन्होंने ने कहा, “आज महाराष्ट्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है, ये भारत की विकास यात्रा के लिए बहुत बड़ा दिन है. विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का सबसे अहम हिस्सा है, इसलिए महाराष्ट्र के लिए लगातार बड़े फैसले लिए गए हैं. महाराष्ट्र में विकास के लिए ज़रूरी सामर्थ्य है, संसाधन हैं, समुद्री तट हैं और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास है और यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं. इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र को और देश को मिले इसके लिए आज वाढवण पोर्ट की नींव रखी गई है.”

-भारत एक्सप्रेस



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