किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (फोटो ANI)
PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर रांची पहुंचे. जहां से पीएम मोदी खूंटी जिले के उलिहातु गांव पहुंचकर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पीएम मोदी ने खूंटी में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में भी शामिल हुए. जहां से उन्होंने किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी की. इस बार जारी की गई 15वीं किस्त के तहत 8 करोड़ किसानों के खाते में डायरेक्ट पैसे भेजे गए हैं.
प्रधानमंत्री ने जारी की 15वीं किस्त
15वीं किस्त में करीब 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं. किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त जारी करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से किसान भाइयों को संबल मिलता है. साल में 6 हजार रुपये मिलने से उनकी तमाम परेशानियां खत्म हो जाती हैं. समय पर खाद-बीज का इंतजाम हो जाता है. खेती-किसानी को समय पर करने में काफी मदद मिलती है. सरकार की हमेशा ये कोशिश रही है कि किसानों को उनकी मेहनत का मूल्य दिया जाए. जिससे उनके सपनों को उड़ान मिले.
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi द्वारा खूंटी, झारखंड से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं क़िस्त का हस्तांतरण ।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अब तक 15 किस्तों में ₹2.80 लाख करोड़ रूपये की धनराशि 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को हस्तांतरित की जा चुकी है।#PMKisan pic.twitter.com/LTiGZULbYq— Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (@pmkisanofficial) November 15, 2023
“अन्नदाताओं की आर्थिक-सामाजिक स्थिति मजबूत हो”
पीएम मोदी ने कहा कि दिव्य और भव्य भारत के निर्माण के लिए जरूरी है कि किसानों, पशुपालकों, मछली पालक और हमारे अन्नदाताओं की आर्थिक-सामाजिक स्थिति भी मजबूत हो. इसलिए किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ देकर उनके जीवन की कठिनाइयों को कम करने की कोशिश सरकार कर रही है. किसान जितना विकास करेंगे उतनी ही विकसित भारत की इमारत भी मजबूत होगी.
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बहुत बड़ी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थी- पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2014 में जब हमें आप सबने दिल्ली की गद्दी पर बैठाकर सरकार चलाने का दायित्व दिया, उस दिन से हमारा सेवाकाल शुरू हुआ है. हमारे आने से पहले भारत की एक बहुत बड़ी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थी. देश के करोड़ों गरीबों ने इस बात की उम्मीद छोड़ दी थी कि कभी उनका जीवन बदल पाएगा. उस समय सरकारों का रवैया भी ऐसा था कि वो खुद को जनता का माई बाप समझती थीं, लेकिन हमने सेवा की भावना से आपके सेवक की तरह काम करना शुरू किया. जो वंचित थे, हमने उन्हें वरीयता देना शुरू किया. जिन्हें सबसे दूर समझा जाता था, सरकार खुद चलकर उनके पास गई. जो दशकों से उपेक्षित थे, हमारी सरकार उनका संबल बनी, उनकी साथी बनी.
-भारत एक्सप्रेस
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