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Prabhat Gupta Murder Case: अब SC का दरवाजा खटखटाएंगे प्रभात गुप्ता के भाई, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

UP News: प्रभात गुप्ता हत्याकांड में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है उससे मृतक के भाई नाराज है. अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही है.

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (फोटो सोशल मीडिया)

Prabhat Gupta Murder Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बैंच का फैसला आने के बाद भले ही प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘​​टेनी’ को बड़ी राहत मिली हो, लेकिन अब प्रभात के भाई ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट के फैसले पर नाराजगी भी जताई है. ​​

शुक्रवार को प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था. 2004 में लखीमपुर खीरी में हुए प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘​​टेनी’ (Ajay Mishra Teni) के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसी के बाद प्रभात गुप्ता के भाई ने मीडिया के सामने कहा है कि हाई कोर्ट से न्याय नहीं मिला है अब हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे.

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प्रभात गुप्ता के भाई ने कहा है कि, ” इस मामले में उनके साथ न्याय नहीं हुआ है. खून बहा है, गवाह हैं और न्याय नहीं हुआ. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.” उन्होंने आगे कहा कि, “हमने अभी जजमेंट नहीं देखा है, लेकिन अब अपील खारिज कर रहे हैं और उन लोगों को बरी किया है, लेकिन न्याय नहीं हुआ, हमें बहुत उम्मीद थी. तीन-तीन बार फैसला सुरक्षित रखा गया. क्या देश में इसी तरह से न्याय होता है? वो केंद्रीय मंत्री हैं तो क्या इस तरह से फैसले कभी सुरक्षित हुए.”

बता दें कि, न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला की खंडपीठ ने इसी साल 21 फरवरी को इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में निचली अदालत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बरी कर दिया था, लेकिन राज्य ने निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

जुलाई में दाखिल होगी याचिका

प्रभात के भाई ने कहा कि, “तीन-तीन बार फैसला सुरक्षित रखा गया, लेकिन हमें अफसोश है कि न्याय नहीं मिला. हम उन्हें सजा नहीं दिला पाए और भाई को न्याय नहीं दिला पाए, लेकिन हमारा संघर्ष जारी रहेगा और हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.” मीडिया के सामने उन्होंने कहा कि, “जून में सुप्रीम कोर्ट बंद है, लेकिन हम जुलाई में याचिका दाखिल करेंगे. हम हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ जाएंगे. सबूत और गवाह हमारे साथ हैं. हमें बिल्कुल निराशा है, न्याय नहीं हुआ है. हमारे साथ न्याय होना चाहिए था.”

-भारत एक्सप्रेस

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