प्रोजेक्ट चीता
Project Cheetah: नामीबिया से आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए जाने के बाद एक बार फिर से आज दक्षिण अफ्रीका से भारत चीते लाए जा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार इन चीतों को हवाई जहाज से ग्वालियर एयरपोर्ट लाया गया. दक्षिण अफ्रीका से इन चीतों को वायु सेना के माल वाहक विमान ग्लोबमास्टर से भारत लाया गया. इसके बाद यहां से इन चीतों को हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया.
अभी इन्हें अलग-अलग बाड़ों मे रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि यहां इन्हें एक महीने तक कूनो नेशनल पार्क में क्वारंटाइन रहना होगा. इसके बाद ही इन्हें पार्क में छोड़ा जाएगा.
चीतों में नर और मादा दोनों
भारत के इस चीता प्रोजेक्ट के तहत दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे इन चीतों में सात नरऔर पांच मादा चीते शामिल हैं. सितंबर 2020 में भी नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया था. अपने जन्मदिन के अवसर पर इन 8 चीतों को PM नरेंद्र मोदी ने खुद 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. दक्षिण अफ्रीका से इन 12 नए चीतों के आने के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की आबादी 20 हो जाएगी.
1952 में चीतों को किया गया था विलुप्त घोषित
बताया जा रहा है कि1952 में भारत की धरती से चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने पिछले दिनों अफ्रीकी देशों से चीतों को लाने के लिए एक योजना तैयार की थी.
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Project Cheetah के तहत भारत लाए जाएंगे हर साल 12 चीते
पिछले महीने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चीते दिए जाने को लेकर अनुबंध हुआ था. इसके अनुसार, अब वहां से 8 से 10 वर्षों तक हर साल चीते भारत लाए जाएंगे. इस योजना के पहले चरण में लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया था.
जहां इन्हें उद्यान का वातावरण काफी सहज लगा. भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए देश के 10 क्षेत्रों में सर्वे करने के बाद भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान को चुना था.
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