पंजाब बंद
पंजाब के किसान आज ‘पंजाब बंद’ का आह्वान कर रहे हैं, जिसके तहत राज्यभर में रेल, बस, सवारी गाडि़यां और सड़कें बंद रहेंगी. किसानों ने आज यातायात समेत रेलवे ट्रैक को जाम करने की चेतावनी दी है. सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक सड़क और रेल यातायात पूरी तरह से ठप रहेगा, जिससे यात्रियों को बड़ी परेशानी हो सकती है.
इस दौरान अंबाला-दिल्ली रेलमार्ग पर चलने वाली करीब 18 एक्सप्रेस ट्रेनों समेत उत्तर प्रदेश के रास्ते पंजाब जाने वाली 150 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करने की सूचना है. किसानों के बंद के ऐलान की वजह से उत्तर रेलवे की करीब 200 से अधिक ट्रेनों पर असर पडे़गा.
रेलवे ने 18 एक्सप्रेस ट्रेनों को किया रद्द
किसान आज रेलवे ट्रैक पर उतर सकते हैं, जिससे पंजाब आने वाली ट्रेनों का गुजरना मुश्किल हो सकता है. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से पंजाब जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. रेलवे ने इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पंजाब जाने वाली 18 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया है.
रद्द होने वाली प्रमुख ट्रेनों की सूची
- बठिंडा एक्सप्रेस (14508)
- आम्रपाली एक्सप्रेस (15707-15708)
- इंटरसिटी एक्सप्रेस (12460)
- ऊंचाहार एक्सप्रेस (14217)
- कालका शताब्दी (12011-12012)
- पश्चिम एक्सप्रेस (12925)
- जन शताब्दी एक्सप्रेस (12057-12058)
- मालवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12919-12920)
- दादर एक्सप्रेस (11057-11058)
- शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस (12497-12498)
- पठानकोट एक्सप्रेस (22429-22430)
- सहारनपुर-ऊना हिमाचल एक्सप्रेस (04501)
- रामनगर चंडीगढ़ एक्सप्रेस (12527-12528)
- हरिद्वार-जनशताब्दी एक्सप्रेस (12054)
- कालका-दिल्ली एक्सप्रेस (14332)
- ऋषिकेश इंटरसिटी एक्सप्रेस (14815)
- हरिद्वार-श्री गंगानगर एक्सप्रेस (14525)
- बीएसबी सीडीजी स्पेशल (04503)
- लुधियाना-च्चेहरता मेमू एक्सप्रेस स्पेशल (04591)
- कई अन्य लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें भी रद्द की गईं हैं.
किसान आंदोलन की प्रमुख मांगें
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी
किसानों की सबसे प्रमुख मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी शामिल है, जिससे उनकी फसलों को उचित मूल्य मिल सके और उनकी आय में स्थिरता बनी रहे.
- कृषि कानूनों का वापस लिया जाना
किसानों का मानना है कि 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों से उन्हें मंडियों से बाहर किया जा सकता है और वे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के शोषण का शिकार हो सकते हैं.
- कर्ज माफी
किसान एक बड़े कर्ज से जूझ रहे हैं और उनकी मांग है कि सरकार उनका कर्ज माफ करे.
- बिजली दरों में कमी
किसानों की मांग है कि सिंचाई के लिए बिजली की दरों में कमी की जाए, ताकि खेती की लागत कम हो सके.
- फसल बीमा
किसानों की फसल प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट हो जाती है, इसलिए उनकी मांग है कि सरकार फसल बीमा योजना को मजबूत करे.
- बाजार में हस्तक्षेप
किसान चाहते हैं कि सरकार बाजार में हस्तक्षेप करके उन्हें उचित मूल्य दिलवाए और बिचौलिए तथा बड़े व्यापारियों के शोषण को रोके.
किसान महापंचायत की तारीख हुई तय
किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 4 जनवरी को खनौरी धरना स्थल पर ‘किसान महापंचायत’ का आयोजन करेंगे. यह महापंचायत तब हो रही है, जब सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने से ज्यादा समय से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल न भेजने पर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. इस महापंचायत में विभिन्न राज्यों के किसान शामिल होंगे.
यह आंदोलन पंजाब के किसानों द्वारा लंबे समय से चलाया जा रहा है, और उनकी प्रमुख मांगों को लेकर उनकी संघर्ष की भावना अभी भी मजबूत बनी हुई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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