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BCCI की मजबूरी या समझौता? BCCI के अधिकारी ने बताया- ‘कोच पद के लिए कभी पहली पसंद नहीं थे गंभीर’

टीम इंडिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खराब प्रदर्शन और आंतरिक मतभेदों के चलते दबाव में है. कोच गौतम गंभीर की भूमिका और कप्तान रोहित शर्मा की रणनीतियों पर सवाल उठ रहे हैं.

गौतम गंभीर की Border-Gavaskar Trophy से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस

टीम इंडिया इस समय अपने प्रदर्शन के सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में नतीजे उम्मीदों के उलट जा रहे हैं. कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली खराब फॉर्म में हैं, जबकि हेड कोच गौतम गंभीर की रणनीतियां भी सवालों के घेरे में हैं. टीम के भीतर आपसी तालमेल और भरोसे की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. यह स्थिति रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के समय से अलग है, जब टीम के अंदर बेहतर सामंजस्य देखा जाता था.

शुक्रवार, 03 जनवरी से इस सीरीज का आखिरी और पांचवां टेस्ट मैच खेला जाएगा. इसी बीच, BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ, तो चैंपियंस ट्रॉफी से पहले गौतम गंभीर की स्थिति पर विचार किया जाएगा.

रोहित और गंभीर पर लगे आरोप

रोहित शर्मा कहते हैं कि वह खिलाड़ियों से चयन के मुद्दों पर सीधे बात करते हैं. लेकिन आरोप है कि उन्होंने कुछ युवा खिलाड़ियों को टीम से बाहर किए जाने का कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया.

गंभीर पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि वे न केवल कोहली और रोहित जैसे सीनियर खिलाड़ियों का भरोसा नहीं जीत पाए, बल्कि नए खिलाड़ियों जैसे हर्षित राणा और नितीश रेड्डी का भी विश्वास नहीं हासिल कर सके. चयन समिति के साथ उनके समीकरण भी स्पष्ट नहीं हैं, जो उनकी स्थिति को और कमजोर बना रहे हैं.

गंभीर नहीं थे पहली पसंद

इसी बीच, BCCI सचिव जय शाह को ICC प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है. 12 जनवरी के बाद बोर्ड को नया पूर्णकालिक सचिव मिलेगा. उसके बाद टीम इंडिया और कोचिंग स्टाफ को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

एक अधिकारी ने बताया, “गौतम गंभीर कभी भी BCCI की पहली पसंद नहीं थे. वीवीएस लक्ष्मण का नाम पहले चर्चा में था. कुछ विदेशी कोचों ने भी तीनों फॉर्मेट में कोच बनने से इनकार कर दिया. ऐसे में गंभीर का चयन एक समझौता और मजबूरी था.”

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली हार के बाद से ही गंभीर की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. अगर भारत बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी हारता है, तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. ऐसे में आखिरी टेस्ट और आगामी चैंपियंस ट्रॉफी टीम इंडिया के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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