सीएम भगवंत मान और पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान रूप नगर की जेल में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को रखने पर आए 55 लाख रुपये खर्च की वसूली पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से करेगी.
अमरिंदर सिंह और रंधावा से होगी पैसों की वसूली
भगवंत मान ने कहा कि अगर अमरिंदर सिंह और रंधावा (कांग्रेस विधायक) पैसे का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी पेंशन और अन्य सुविधाएं निरस्त कर दी जाएंगी. मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रूपनगर की जेल में था. हालांकि, इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को देने का निर्देश दिया था.
कोर्ट में केस लड़ने का शुल्क नहीं देगी पंजाब सरकार
इसके पहले सीएम मान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि उसने अंसारी के जेल में रहने के दौरान उसे सुविधाएं उपलब्ध कराईं. मान ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘उप्र के गैंगस्टर (मुख्तार अंसारी) को पंजाब की जेल में रखने और दोस्ती निभाने के लिए उच्चतम न्यायालय में उसका मामला लड़ने पर खर्च हुए 55 लाख रुपये (कानूनी) का भुगतान पंजाब सरकार के खजाने से नहीं किया जाएगा.’’
यह भी पढ़ें- UCC पर हुए सर्वे के आंकड़ों ने उड़ाई कांग्रेस की नींद, जानें क्या है लोगों की राय
55 लाख रुपये के बिल वाली फाइल को किया नामंजूर
उन्होंने कहा कि इस राशि की वसूली कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखजिंदर रंधावा रंधावा से की जाएगी. इसके पहले बीते अप्रैल में मान ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अंसारी का बचाव करने के लिए पिछली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए ‘महंगे वकीलों’ के शुल्क के रूप में 55 लाख रुपये के बिल वाली एक फाइल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने तत्कालीन मंत्रियों से पैसे वसूलने की भी बात कही थी. भगवंत मान के इस बयान के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने तंज कसते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी के नेता को बोलने से पहले तंत्र को समझना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.