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राज्यसभा में पारित हुआ रेलवे संशोधन विधेयक 2024, रेलवे आधुनिकीकरण को मिलेगी गति

रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ, जिससे रेलवे के परिचालन में सुधार और आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

Rajya Sabha passes Railways Amendment Bill

11 दिसंबर 2024 को लोकसभा में पारित रेलवे (संशोधन) विधेयक सोमवार को राज्यसभा में भी ध्वनिमत से पारित हुआ. रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 देश में रेलवे के परिचालन को और सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाने के लिए है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे राज्यसभा में पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित होने के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में स्पष्ट किया कि ये विधेयक मौजूदा कानूनो के सरलीकरण के लिए है ना कि राज्य सरकारों की शक्तियों को कम करने के लिए. बल्कि ये रेलवे क्षेत्रों के महाप्रबंधकों को 1,000 करोड़ रूपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार देता है. इस दौरान रेल मंत्री ने उन राज्यों में भी पर्याप्त बजट आवंटन की बात कही, जहां गैर बीजेपी सरकार है. इनमें केरल, तमिलनाडू, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल शामिल है जिन्हे पिछली सरकारों की तुलना ज्यादा आवंटन दिया गया है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक इस विधेयक का मकसद श्रेत्रिय कार्यालयों को और मजबूत बनाना, उनकी दक्षता बढ़ाना और सहकारी संघवाद को मजबूत करना है. इस विधेयक के पारित होने से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की यात्रा को और मजबूती मिलेगी, जो भविष्य के लिए और अधिक सुरक्षित और यात्रियों के अनुकूल सेवाएं सुनिश्चित करेगा.

11 वर्षों में भारतीय रेलवे की प्रमुख उपलब्धियां

इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले ग्यारह सालों में भारतीय रेलवे किए गए विकास के कार्यों पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि 11 वर्षों में 34000 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक विछाए गए हैं. 45,000 किलोमीटर से ज्यादा ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ है.  रेलवे के डिब्बों में 3 लाख 10 हजार टॉयलेट बने है. यूपीए की सरकार में रेलवे के मात्र 11 हजार व्यक्तियों को रोजगार दिया गया था, जबकि एनडीए की सरकार ने 5 लाख 2 हजार लोगों रोजगार दिया.

महाकुंभ के दौरान दी गई सुविधाओं को 60 स्टेशनों पर अब स्थाई तौर पर चालू करने की बात भी कही. इसके अलावा रेल मंत्री ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए किए गई सुधारों पर भी प्रकाश डालते हुए जानकारी दी कि अब कंफर्म टिकट वाले यात्री ही रेलवे प्लेटफार्म पर जा पाएंगे, ताकि ज्यादा भीड़ से अव्यवस्थता ना हो.

रेलवे स्टेशनों के डिजिटल कंट्रोल में जबरदस्त वृद्धि

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि 2014 में सिर्फ 90 फॉग सेफ्टी डिवाइस थे, जबकि वर्तमान में 26000 फॉग सेफ्टी डिवाइस है. इसके साथ ही 50,000 किलोमीटर पुरानी पटरियों की जगह नई पटरियां लगाई गई है . वहीं जहां पहले साल में 171 रेल दुर्घटनाएं होती थी वो अब घट कर 30 हो गईं है हालांकि सरकार का प्रयास इसमें और कमी लाने का है जिसके लिए एंटी कोल्युजन सिस्टम “कवच” के लिए 10,000 लोकोमोटिव के लिए टेंडर दिया गया है. जबकि 15,000 किलोमीटर पर कवच का काम एक साथ चल रहा है.

रेलवे ने लोको पायटल के रनिंग रूम को भी वातानुकूलित किया है. केंद्रीय मंत्री ने सदन में बताया कि यूपीए की सरकार में सिर्फ 800 रेलवे स्टेशनों का डिजिटल कंट्रोल पूरा हुआ था. लेकिन एनडीए की सरकार में 3243 रेलवे स्टेशनों का डिजिटल कंट्रोल किया गया है. इस तरह 60 साल के मुकाबले इन 11 सालों को देखेंगे तो इन 11 सालों में किए कामों में अधिक उपलब्धियां नज़र आएंगी.

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-भारत एक्सप्रेस 



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