राजस्थान सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार
Rajasthan CM Name Announcement: देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 3 राज्यों में प्रचंड जीत मिली है. जीत के बाद अब इन राज्यों में सीएम फेस को लेकर दिल्ली दरबार में शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है. इन राज्यों की कमान किसके हाथ में सौंपी जाएगी, इसको लेकर चर्चा जोरों पर है. कयासों का दौर जारी है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किन चेहरों पर बीजेपी भरोसा जताती है, ये अभी तक सस्पेंस है. राजस्थान में सीएम पद के दावेदारों की लिस्ट में कई नाम हैं जिनपर सभी की निगाहें हैं, जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ के अलावा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम भी शामिल है, हालांकि पीएम मोदी और अमित शाह का फैसला क्या होगा? इसपर अभी कोई कुछ भी नहीं बोल रहा है, क्योंकि इन दोनों नेताओं के निर्णयों ने हर बार सभी को चौंकाया है.
जेपी नड्डा से वसुंधरा राजे ने की थी मुलाकात
बीते दिन वसुंधरा राजे ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद वसुंधरा अपने बेटे दुष्यंत के साथ मुस्कुराते हुए बाहर निकली थीं. उनकी मुस्कुराहट के पीछे की वजह भी सियासी जानकार तलाश रहे हैं, लेकिन आलाकमान का फैसला क्या होगा, इसकी भनक किसी को नहीं है.
ये नाम सबसे ज्यादा चर्चा में
राजस्थान में अगर जीते हुए विधायकों में से कोई नाम चुना जाता है, तो उसमें वसुंधरा राजे या फिर बालकनाथ का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने कई राज्यों में अटकलों को पूरी तरह से गलत साबित करके दिखाया है. ऐसे में अभी किसी भी नाम पर मुहर नहीं लग रही है.
बाड़बंदी की खबरों से हो सकता है नुकसान
सियासी गलियारों में चर्चा है कि वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के संपर्क में कई विधायक हैं, जिसको लेकर बारां के विधायक कंवर लाल मीणा ने इसका विरोध भी किया. उन्होंने कहा कि कोई बाड़बंदी नहीं हुई है. सभी स्वंतत्र हैं, कोटा संभाग की 17 सीटों से जो भी विधायक जीतकर आए हैं, उनमें झालावाड़ और बारां के 7 एमएलए वसुंधरा राजे गुट के हैं, जबकि 4 विधायक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला गुट के हैं. ऐसे में अगर बाड़बंदी के आरोप सामने आए तो इससे वसुंधरा राजे को नुकसान हो सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.