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भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्नब कुमार चौधरी और चारुलता एस कार को बनाया नया कार्यकारी निदेशक

रिजर्व बैंक के अनुसार, कार को एक जुलाई से कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त किया गया है, जबकि चौधरी को तीन जून, 2024 से ईडी नियुक्त किया गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को अर्नब कुमार चौधरी और चारुलता एस कार को कार्यकारी निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की. चौधरी और कार तीन-तीन विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे. रिजर्व बैंक के अनुसार, कार को एक जुलाई से कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त किया गया है, जबकि चौधरी को तीन जून, 2024 से ईडी नियुक्त किया गया है. कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पहले, चौधरी पर्यवेक्षण विभाग में मुख्य महाप्रबंधक-प्रभारी के रूप में कार्यरत थे.

चारुलता एस कार को बतौर निदेशक ये जिम्मेदारी

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि कार्यकारी निदेशक के रूप में, वह जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी), विदेशी मुद्रा विभाग और अंतर्राष्ट्रीय विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. रिजर्व बैंक ने एक अलग बयान में कहा कि कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नत होने से पहले, कार, मानव संसाधन प्रबंधन विभाग में मुख्य महाप्रबंधक-प्रभारी के रूप में कार्यरत थीं. वह संचार विभाग, मानव संसाधन प्रबंधन विभाग और सूचना का अधिकार (प्रथम अपीलीय प्राधिकारी) का कार्यभार संभालेंगी. कार, मुंबई विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातकोत्तर हैं और ट्रेजरी और विदेशी मुद्रा प्रबंधन में डिप्लोमा हैं. वह आईआईबीएफ की प्रमाणित एसोसिएट भी हैं.

कार को रिजर्व बैंक में भुगतान और निपटान प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी, सरकारी बैंकिंग, आंतरिक खातों और मानव संसाधन प्रबंधन के क्षेत्रों में काम करने का तीन दशकों से अधिक का अनुभव है. उन्होंने बीआईएस के कई कार्य समूहों में रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व किया है और अन्य आंतरिक और बाहरी समितियों के सदस्य के रूप में काम किया है.

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अर्नब कुमार चौधरी

अर्नब कुमार चौधरी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनके पास अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री है. वह आईआईबीएफ (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस) के प्रमाणित एसोसिएट भी हैं. उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है. उन्होंने वित्तीय संस्थाओं के पर्यवेक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया है. चौधरी ने कॉरपोरेट रणनीति, बजट, लेखा और निर्गम विभाग के क्षेत्र में काम किया है. उन्होंने कई समितियों और कार्य समूहों के सदस्य के रूप में भी काम किया है और नीति निर्माण में योगदान दिया है.



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