Bharat Express

मद्रासी कैंप के निवासियों को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने फिलहाल कार्रवाई पर लगाया रोक

नए फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर इन लोगों से उस जगह को खाली करने को कहा गया है और उसको लेकर नोटिस दिया गया था. कोर्ट ने यह निर्देश जंगपुरा के जेजे क्लस्टर मद्रासी कैंप के निवासियों की नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

delhi-high-court

दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

बारापुला ब्रिजक्षेत्र के मद्रासी कैंप के निवासियों को दिल्ली हाईकोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि मद्रासी कैंप के निवासियों के खिलाफ कोई ना करें. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले में दिल्ली सरकार, उसके लोक निर्माण विभाग (PWD) एवं दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी किया है. साथ ही प्रशासन से 10 दिनों के भीतर इस बात पर वस्तुस्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है कि कालोनी की वजह से जल प्रवाह में बाधा हो रहा है या नहीं.

नए फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर इन लोगों से उस जगह को खाली करने को कहा गया है और उसको लेकर नोटिस दिया गया था. कोर्ट ने यह निर्देश जंगपुरा के जेजे क्लस्टर मद्रासी कैंप के निवासियों की नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. उसने कहा कि सवाल यह है कि कालोनी जल प्रवाह में बाधा डाल रही है या नहीं. अगर जल प्रवाह में कालोनी बाधा डाल रही है तो इसे हटना ही होगा. क्योंकि शहर में अनावश्यक रूप से पानी भर रहा है.

पीठ ने कहा कि दिल्ली में जो लोग रह रहे हैं और कहते हैं कि वे नहीं चाहते कि उनके घरों में पानी भर जाए. हम शहर में बार-बार पानी नहीं भरने दे सकते. यदि नाले को साफ करना है, तो उसे साफ करना ही होगा. लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि आपको वैकल्पिक जमीन पर ले जाया जाए. हम प्रशासन से आपका पुनर्वास कराने को कहेंगे. हम आपको पुनर्वास का अधिकार देंगे.

डीडीए की वकील प्रभाशाय कौर ने कहा था कि यह कालोनी जलप्रवाह में बाधा डाल रही है. लोक निर्माण विभाग इसको लेकर कोर्ट को पूरी जानकारी दे सकता है. जब कोर्ट को बताया गया कि प्रशासन 12 सितंबर को वहां के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने वाला है तब हाईकोर्ट ने ही डीडीए एवं पीडब्ल्यूडी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रशासन फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करेगा. पीडब्ल्यूडी ने पिछले सप्ताह इस क्षेत्र में नोटिस चिपकाए थे और लोगों से पांच सप्ताहों में वहां से बोरिया-बिस्तर समेटने को कहा था. लोग वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए बगैर वहां से जाने को तैयार नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- राउज एवेन्यू कोर्ट कांग्रेस नेता शिशि थरूर के खिलाफ मानहानि की शिकायत पर 21 सितंबर को सुनवाई करेगा

-भारत एक्सप्रेस

Also Read