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भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर 7 मई को फैसला सुनायेगा।
अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने इस बारे में आज स्पष्ट कहा। बृजभूषण सिंह ने मामले में जांच का अनुरोध करते हुए अदालत में अर्जी दायर की थी। बृजभूषण सिंह ने अपनी अर्जी में आरोपों पर जवाब देने के लिए वक्त दिए जाने तथा और जांच करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वे घटना की तारीख पर भारत मे नही थे, जिसे लेकर एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उस दिन उसका डब्ल्यूएफआई के ऑफिस में यौन उत्पीड़न किया गया था।
बृजभूषण सिंह के वकील ने दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने शिकायतकर्ता के साथ आए कोच के कॉल डिटेल रिकॉर्ड पर भरोसा किया था और कहा था कि वे सैट सितंबर 2022 को डब्ल्यूएफआई गए थे जहां लड़की का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया। वकील ने दावा किया कि हालांकि, पुलिस ने CDR को रिकॉर्ड में नहीं रखा। उन्होंने यह भी दावा किया था कि सिंह इस कथित अपराध के दिन देश मे नही थे।
महिला पहलवानों ने बृज भूषण शरण सिंह की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यह बचाव पक्ष द्वारा मुकदमे में विलंब करने का हथकंडा है। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354A, 354D और 506 के तहत 15 जून को मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। पुलिस ने इस मामले में डब्ल्यूएफआई के निलंबन सहायक सचिव विनोद तोमर पर भी आरोप लगाए थे।
— भारत एक्सप्रेस
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