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“बॉर्डर के हालात तय करेंगे संबंधों की दिशा और दशा”, पाकिस्तान-चीन को जयशंकर ने दी नसीहत

डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि जब एक-दूसरे का सम्मान हो, तभी दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हो सकते हैं.

External Affairs Minister S Jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने एक बार फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन को नसीहत दी है. दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान से बातचीत का आधार पाकिस्तान हो. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के सामान्यीकरण की इजाजत नहीं दे सकते हैं. पहले भी विदेश मंत्री आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते रहे हैं.

एक बार फिर विदेश मंत्री ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते हैं जब तक सीमापार आतंकवाद समाप्त नहीं हो जाता. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिना सीमापार आतंकवाद समाप्त हुए पाकिस्तान के साथ सामान्य रिश्ते संभव नहीं हैं. इसके पहले विदेश मंत्री ने कहा था कि जब पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों की बात आती है, तो सीमा पार आतंकवाद की चुनौतियां हैं, जिसे भारत ने कभी बर्दाश्त नहीं किया.

विदेश मंत्री ने चीन को लेकर भी बयान दिया. एस. जयशंकर ने कहा कि बीजिंग के साथ फिलहाल संबंध उतार-चढ़ाव भरे हैं लेकिन वह बहुत बड़ा पड़ोसी है. फिर भी अंत में किसी के साथ संबंध परिपक्वता की कसौटी पर खरे उतरते हैं. चीन को लेकर पहले भी विदेश मंत्री कह चुके हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं.

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चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं- विदेश मंत्री

डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि जब एक-दूसरे का सम्मान हो, तभी दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों की दशा और दिशा बॉर्डर पर हालात से तय होगी, फिलहाल चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं.

कुछ दिनों पहले ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि चीन ने 2020 में गलवान गतिरोध के दौरान समझौतों का उल्लंघन कर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, इसलिए जब तक सीमाओं पर शांति नहीं होगी, तब तक द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा था कि हम चीन के साथ शांति चाहते हैं, लेकिन अगर शांति समझौते का उल्लंघन होता है तो क्या किया जा सकता है.

-भारत एक्सप्रेस

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