Bharat Express

पाकिस्तान में टेररिज्म इंडस्ट्री, मदद देने को लेकर जयशंकर की दो टूक- हम जनता के सेंटीमेंट का रखेंगे ध्यान

S. Jaishankar: एस जयशंकर ने कहा कि कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है.

s-jaishankar

एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

S. Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को उसकी आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने में मदद करने के विचार को एक तरह से खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘एशिया आर्थिक संवाद’ में जयशंकर ने कहा कि वह कोई बड़ा फैसला लेते समय स्थानीय जनभावना का ध्यान रखेंगे.

हाल में ही पाकिस्तान और चीन पर तीखा हमला करने वाले एस जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते हैं, इसकी जानकारी मुझे होगी और मुझे लगता है कि आपको जवाब पता है.’’ पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा है. हाल के दिनों में, भारत ने श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की मदद की है. इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद भारत-पाकिस्तान संबंधों का मूलभूत मुद्दा है, जिससे कोई बच नहीं सकता है और हम मूलभूत समस्याओं से इनकार नहीं कर सकते हैं.

पाक का नाम लिए बगैर साधा निशाना

एस जयशंकर ने कहा कि कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि एक देश को अपने आर्थिक मुद्दों का समाधान करना होता है, उसी तरह उसे अपने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों का समाधान करना होता है. जयशंकर ने साफ किया कि किसी देश को गंभीर आर्थिक कठिनाइयों में देखना किसी के हित में नहीं है, और वह भी एक पड़ोसी देश को.

ये भी पढ़ें: Russia Ukraine War: अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है, तो रूस भी है तैयार- पुतिन ने दी चेतावनी

उन्होंने कहा कि एक बार जब कोई देश गंभीर आर्थिक समस्या की गिरफ्त में होता है, तो उसे इससे बाहर निकलने के लिए नीतिगत विकल्प खोजने पड़ते हैं. जयशंकर ने कहा कि अन्य लोग इसे देश के लिए हल नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि दुनिया केवल विकल्प और समर्थन प्रदान कर सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को कड़े फैसले लेने होंगे. भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत भी अपने आधुनिक इतिहास में कई बार ऐसी ही चुनौतियों से गुजरा है. वहीं जयशंकर ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से, पड़ोसी देशों के प्रति देश के दृष्टिकोण में एक स्पष्ट बदलाव आया है.

-भारत एक्सप्रेस

Bharat Express Live

Also Read