लखनऊ विश्वविद्यालय
Lucknow: उत्तर प्रदेश के लखनऊ विश्वविद्यालय में भगवान बुद्ध की मूर्ति को लेकर एक मामला सामने आया है. दरअसल भगवान बुद्ध की इस मूर्ति का रंग सफेद था. लेकिन विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स के मुख्य द्वार पर स्थापित इस मूर्ति को देखकर शिक्षक और छात्र तब हैरान रह गए, जब उन्होंने इसे अचानक से ‘केसरिया’ रंग में रंगा देखा. इस पर उन्होंने नाराजगी भी जताई.
वहीं मामले के संबंध में पता लगाने पर ज्ञात हुआ कि विश्वविद्यालय में पुताई का काम कर रहे एक मजदूर ने गलती से ऐसा कर दिया.
बाद में बदला गया मूर्ति का रंग
कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स के प्राचार्य रतन कुमार ने कहा कि एक मजदूर ने गलती से मूर्ति को भगवा रंग में रंग दिया. लेकिन जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया, मैंने गलती को सुधार लिया और मूर्ति को सफेद रंग से रंग दिया गया. इससे पूर्व भी मूर्ति का रंग यही था. प्राचार्य रतन कुमार का कहना है कि हम भगवान बुद्ध की इस मूर्ति को सुंदर बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
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इतने साल पुरानी है मूर्ति
विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स के मुख्य द्वार पर बनी भगवान बुद्ध की यह मूर्ति 1950 के दशक के अंत में बनाई गई थी. उस समय भगवान बुद्ध की इस मूर्ति को प्रसिद्ध मूर्तिकार अवतार सिंह पंवार द्वारा बनाया गया था. मूर्ति लगभग 60 साल पुरानी है. आने वाले दिनों में लखनऊ विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस पड़ने वाला है. इसे ध्यान में रखते हुए स्थापना दिवस समारोह से पहले विश्वविद्यालय परिसर में रंगाई-पुताई और मरम्मत का काम किया जा रहा है.
शिक्षकों ने की प्रशासन की आलोचना
इस बीच विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने मूर्ति के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करने के लिए प्रशासन की आलोचना की. एक सीनियर फैकल्टी सदस्य ने इस संबंध में कहा कि यह दुख की बात है कि यह मूर्ति केवल कला का एक टुकड़ा नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा एक इतिहास है, उसे एक विशेष रंग से रंग दिया गया, इससे इसका मूल स्वरूप ही खो गया.
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