Bharat Express

Menstrual Paid Leave: कामकाजी महिलाओं को पीरियड्स लीव देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, इन देशों में मिलती है छुट्टी

Supreme Court: पीआईएल में कहा गया था कि यूनाइटेड किंगडम, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया जैसे देशों में पहले से ही पीरियड्स लीव दी जा रही है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

Menstrual Paid Leave: सुप्रीम कोर्ट ने माहवारी के समय होने वाली पीड़ा के समय छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को छुट्टी के प्रावधान वाले जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा सरकार के नीतिगत दायरे में आता है.

बता दें कि इस याचिका में सभी राज्यों को यह निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था कि वे माहवारी से होने वाली पीड़ा के मद्देनजर छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर उन दिनों अवकाश (Menstrual Paid Leave) के प्रावधान वाले नियम बनाएं.

लोग महिलाओं को नौकरी देने से कर सकते हैं परहेज- सीजेआई

चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि निर्णय लेने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को एक अभ्यावेदन भेजा जा सकता है. सीजेआई ने कहा कि ऐसी संभावना भी हो सकती है कि छुट्टी (Menstrual Paid Leave) की बाध्यता होने पर लोग महिलाओं को नौकरी देने से परहेज करें.

दिल्ली के रहने वाले शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने पीआईएल के जरिए मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 के अनुपालन के लिए केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

अधिनियम की धारा 14 निरीक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है और इसमें कहा गया है कि उपयुक्त सरकार ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति कर सकती है और क्षेत्राधिकार की स्थानीय सीमाओं को परिभाषित कर सकती है जिसके भीतर वे इस कानून के तहत अपने कार्यों का निर्वहन करेंगे.

ये भी पढ़ें: Supreme Court: शिवसेना में नाम-सिंबल की लड़ाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, आ सकता है बड़ा फैसला

इन देशों में दी जा रही है पीरियड्स लीव

याचिकाकर्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी के अधिवक्ता विशाल तिवारी ने पिछले सप्ताह जनहित याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग भी की थी. पीआईएल में कहा गया था कि यूनाइटेड किंगडम, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया जैसे देशों में पहले से ही पीरियड्स लीव दी जा रही है.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read