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Jammu Kashmir: शोपियां में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक आतंकी को किया ढेर, कुछ दिन पहले ही ली थी ट्रेनिंग

जम्मू कश्मीर के शोपियां में भारतीय सेना के जवानों ने मुठभेड़ में एक आतंकवादी को ढेर कर दिया. मुठभेड़ कथोहलान इलाके में बुधवार (9 नवंबर) की देर रात हुई. सेना के जवान अभी भी सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.

सेना का सर्च ऑपरेशन जारी

सेना का सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू कश्मीर के शोपियां में भारतीय सेना के जवानों ने मुठभेड़ में एक आतंकवादी को ढेर कर दिया. मुठभेड़ कथोहलान इलाके में बुधवार (9 नवंबर) की देर रात हुई. सेना के जवान अभी भी सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. मारे गए आतंकी के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है.

एक हफ्ते पहले ही आतंकी समूह में शामिल हुआ था

पुलिस और सेना की संयुक्त कार्रवाई में मारे गए आतंकी की पहचान मयसर अहमद डार के रूप में हुई है, जिसने हाल ही में लश्कर के प्रॉक्सी TRF में शामिल हुआ था. मयसर शोपियां के वेश्रो का रहने वाला था. एक हफ्ते पहले ही आतंकी समूह में शामिल हुआ था. इस मुठभेड़ की जानकारी कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है.

मुठभेड़ में 5 आतंकी हुए थे ढेर

इससे पहले 26 अक्टूबर को भारतीय सैनिकों ने और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक अभियान में कुपवाड़ा सेक्टर में LoC पर सतर्क सैनिकों ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था. भारतीय जवानों ने आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए तीन अन्य आतंकवादियों को ढेर कर दिया था. ऐसे में सेना के जवानों ने कुल 5 आतंकवादियों को मार गिराया था.

9 अक्टूबर को शोपियां हुई मुठभेड़

वहीं 9 अक्टूबर को शोपियां में लश्कर के आतंकियों के साथ भारतीय सेना की मुठभेड़ हो गई. जिसमें सेना के जवानों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया. मुठभेड़ अलशिपोरा में हुई है.पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मारे गए आतंकियों की पहचान मोरीफत मकबूल और जाजिम फारुख उर्फ अबरार के तौर पर हुई है. पुलिस ने आगे बताया कि जाजिम फारुख पंडित संजय शर्मा की हत्या में शामिल था. उनकी हत्या के बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी.

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सितंबर में ही 14 तारीख को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में भी मुठभेड़ हुई थी. उस मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो अधिकारी और एक जवान के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी शहीद हो गए थे. वो मुठभेड़ तब हुई जब अनंतनाग के जंगलों में पहाड़ की गुफाओं में आतंकी छुपे हुए थे जिन्हें ढेर करने के लिए सेना ने 5 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था.

-भारत एक्सप्रेस

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