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तमाम चुनौतियों से लड़कर व्यापार की दुनिया को रोशनी दिखा रहे सिख उद्यमी

जैसे-जैसे दुनिया विकसित होती जा रही है, उद्यमिता और व्यवसाय की सफलता को चलाने वाले कारक भी उतनी ही तेजी के साथ विकास कर रहे हैं. तमाम सिख उद्यमियों के लिए व्यापार की दुनिया के माध्यम उनकी इस यात्रा में विश्वास और संस्कृति के लिए आवश्यक मार्गदर्शक की रोशनी बन गए हैं.

जैसे-जैसे दुनिया विकसित होती जा रही है, उद्यमिता और व्यवसाय की सफलता को चलाने वाले कारक भी उतनी ही तेजी के साथ विकास कर रहे हैं. तमाम सिख उद्यमियों के लिए व्यापार की दुनिया के माध्यम उनकी इस यात्रा में विश्वास और संस्कृति के लिए आवश्यक मार्गदर्शक की रोशनी बन गए हैं. सिख समुदाय के उद्यमियों ने अनेकों चुनौतियों का सामना करते हुए इन्हें अवसरों में बदला है. एक ओर, उन्हें व्यापारिक दुनिया में भेदभाव और पूर्वाग्रह के खिलाफ लड़ना पड़ा है. ये लड़ाई उनकी उपस्थिति या धार्मिक पोशाक को लेकर भी रही है. जिसके चलते कई बार उन्हें असफलताओं का सामना करना पड़ता है. हालांकि, दूसरी ओर, वे समय की कसौटी पर खरा उतरने वाले लचीले और सफल व्यवसायों का निर्माण करने के लिए अपने समुदाय की ताकत और अपनी संस्कृति को समृद्ध कर रहे हैं.

सिख उद्यमशीलता के सबसे प्रमुख उदाहरणों में से एक गुरिंदर सिंह खालसा की कहानी है, जिन्होंने सिख राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने और पूरे देश में सिखों की मदद करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में सिख पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (सिखपीएसी) की स्थापना की. सिखपीएसी के साथ अपने काम के माध्यम से, खालसा राजनीतिक परिदृश्य को बदलने और अपने समुदाय के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाने में गुरिंदर सिंह सक्षम रहे हैं.

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वहीं कनाडा में एक सफल निर्माण कंपनी के संस्थापक हरजीत सिंह तमाम चुनौतियों का सामना करने के बाद भी एक फलते-फूलते व्यवसाय को तेजी के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. इन मजबूत नींव के बावजूद सिख उद्यमियों को सफलता की राह में चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ता है. भेदभाव और पूर्वाग्रह एक की समस्या हमेशा से बनी हुई है. कई सिखों को उद्योग जगत में अनुचित व्यवहार और बहिष्कार का सामना भी करना पड़ रहा है। इसके अलावा COVID-19 महामारी ने पूरी दुनिया में उद्योग जगत को भारी नुकसान पहुंचाया है. जिसमें कई लोग अपने उद्योग को चलाने के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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