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जब 9 गोलियां लगने के बाद भी पोस्टमार्टम हाउस से जिंदा लौट आया था मुन्ना बजरंगी, UP STF से हुई थी मुठभेड़

Munna Bajrangi: मुन्ना बजरंगी के एनकाउंटर में 9 गोलियां लगने के बाद भी जिंदा बच जाने का मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में छाया रहा था.

Munna bajrangi

मुन्ना बजरंगी

Munna Bajrangi: 2018 में डॉन मुन्‍ना बजरंगी को झांसी से बागपत शिफ्ट किया गया था और अगली ही सुबह जेल में डॉन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप सुनील राठी गैंग पर लगा. पुलिस ने कहा था कि दोनों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी को गोलियों से भून डाला था. मुन्ना बजरंगी का खौफ इस कदर था कि 9 गोलियां दागने के बाद भी सुनील राठी ने पूरी तरह कंफर्म कर लिया कि डॉन जिंदा तो नहीं है. दो दशक पहले भी मुन्ना बजरंगी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा था और एनकाउंटर के बाद उसे मरा हुआ मान लिया गया था लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान पता चला था कि उसकी सांसें चल रही हैं. इसके बाद खूब हलचल मची थी.

डेड बॉडी मॉर्च्युरी में रखी गई थी

पूर्व पुलिस अफसर अविनाश मिश्रा कहते हैं, “दिल्ली में एक एनकाउंटर हुआ था जिसमें मुन्ना बजरंगी और यतींद्र गुर्जर मारे गए थे. मैं और तेवतिया डेड बॉडी लेकर पोस्टमार्टम के लिए मॉर्च्युरी में रखवाकर निकल आए, इस दौरान कुछ रेजिडेंट डॉक्टर डेड बॉडी देखने पहुंचे और उन्होंने देखा कि मुन्ना बजरंगी की सांसें चल रही हैं. उसके बाद तो भगदड़ मच गई. 20-25 मिनट पहले तक कुछ और चल रहा था और अचानक कुछ और चलने लगा.” बता दें कि इन्हीं अविनाश मिश्रा पर एक वेब सीरीज ‘इंस्पेक्टर अविनाश” बनी है.

मुन्ना बजरंगी के एनकाउंटर में 9 गोलियां लगने के बाद भी जिंदा बच जाने का मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में छाया रहा था. बात 1998 की है जब मुन्ना बजरंगी के बारे में एसटीएफ को इनपुट मिला था. इसके बाद यूपी एसटीएफ ने पूरी तैयारी की और डॉन को दबोचने के लिए जाल बिछाया गया. करनाल रोड पर कुछ देर बाद एक काले रंग की कार में मुन्ना बजरंगी आया, तब उसके साथ यतींद्र गुर्जर भी मौजूद था.

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डॉक्टरों ने पाया चल रही थीं मुन्ना की सांसें

एसटीएफ की टीम ने दोनों को रोकने का इशारा किया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद एसटीएफ ने दोनों के शरीर में कई गोलियां दाग दीं. मुन्ना बजरंगी को 9 गोलियां लगी थीं और दोनों को ही मृत घोषित कर दिया गया और उनकी डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया. लेकिन मॉर्च्युरी में डॉक्टरों ने देखा कि मुन्ना बजरंगी की सांसें चल रही हैं.

इसके बाद आनन-फानन में मुन्ना के जिंदा होने की जानकारी एसटीएफ टीम में पुलिस अध‍िकारी रहे राजेश पांडेय को दी गई. हर कोई हैरान था कि 9 गोली लगने के बाद भी मुन्ना बजरंगी कैसे बच गया. लेकिन तब शायद मुन्ना बजरंगी की किस्मत में जिंदा बच जाना था.

-भारत एक्सप्रेस

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