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मेनका के हस्तक्षेप के बाद BEO पर FIR, सुसाइड नोट में नाम लिखकर हेडमास्टर ने की थी आत्महत्या, 54 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार, परिवार ने रखी ये 7 मांगें

इस मामले में जिले की सांसद मेनका गांधी जिले और शासन स्तर के अधिकारियों से सीधे संपर्क में आ चुकी थी उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन में कहा था.

Maneka Gandhi

मेनका गांधी (फोटो सोशल मीडिया)

आशुतोष मिश्रा

Sultanpur: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी की आत्महत्या के मामले में परिजनों और शिक्षक नेताओं द्वारा जारी हंगामा 54 घंटे बाद तब शांत हुआ, जब खंड शिक्षाधिकारी (BEO) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. पुलिस ने परिजनों की मांग पूरी करते हुए मृतक के बेटे की तहरीर पर कुड़वार थाने में खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) मनोजीत राव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा आज सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर दर्ज करा दिया है.

गुरुवार सुबह 7 बजे के करीब डीएम कृतिका ज्योत्सना व एसपी सोमेन बर्मा बल्दीराय के केवटली गांव पहुंचे और मृतक प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी के परिजनों से बातचीत की और शव का अंतिम संस्कार करने के लिए निवेदन किया लेकिन पेंच एफआईआर पर आकर फिर फंस गया. इसके बाद मृतक के बेटे ज्ञान प्रकाश द्विवेदी से तहरीर लेकर उच्च अधिकारियों ने कुड़वार थाने पर भेजा. जहां सुबह 8:20 पर बीईओ मनोजीत राव के विरुद्ध धारा 306, 506 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत हुआ. एफआईआर की कॉपी मिलते ही परिवार वालों ने अंतिम संस्कार के लिए शव उठाया और कुड़वार घाट के लिए लेकर रवाना हुए.

38 घंटे लगे मान-मनौव्वल में

मृतक के भाई धर्म प्रकाश द्विवेदी, बेटा ज्ञान प्रकाश द्विवेदी और बेटी श्वेता मंगलवार शाम से लगातार मांग कर रहे थे कि आरोपी बीईओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और उन्हें गिरफ्तार किया जाए. तो दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि लगातार पीड़ित परिवार और शिक्षक संगठन को समझाने में लगे रहे. 38 घंटे तक निरंतर मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा लेकिन बात एफआईआर पर आकर टिकी रही. अंत में जिले के अधिकारियों ने परिवार की मांग मानी. इसी के बाद बात बनी. इस मामले में बुधवार दोपहर बाद से ही जिले की सांसद मेनका गांधी जिले और शासन स्तर के अधिकारियों से सीधे संपर्क में आ चुकी थी उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन में कहा था, जिसको देर से ही सही अमल में लाया गया.

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शव से आने लगी थी दुर्गंध

हालांकि अब इसे चूक कहें या लापरवाही, लेकिन लेटलतीफी में की गई कार्रवाई से शव से दुर्गंध आना शुरू हो गई थी. कल दोपहर बाद से ही शव को बर्फ लगाकर रखा गया था. गुरुवार सुबह एफआईआर दर्ज होने के बाद शव को पैतृक आवास से उठाकर घाट पर ले जाया गया, जहां बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी.

जानें पूरा मामला

बता दें कि कुड़वार के पूरे चित्ता जूनियर हाईस्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी शनिवार को बेटे के स्वास्थ्य बिगड़ने पर अवकाश लेकर घर आए थे. इसके बाद बीईओ मनोजीत राव स्कूल पहुंचे और सूर्य प्रकाश को ड्यूटी पर नहीं पाया. इसके बाद उनके ऊपर कार्रवाई के लिए कह दिया गया. बताया जा रहा है कि इस पर सूर्य प्रकाश ने ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह से बीईओ को फोन कराकर पैरवी कराया. तो दूसरी ओर बीईओ ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया और प्रधानाध्यापक को फोन पर फटकार लगा दी. इसके बाद सूर्य प्रकाश स्कूल नहीं गए और सोमवार को भी अवकाश ले लिया और इसी दिन दोपहर बाद उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया. परिवार वाले उनको राजकीय मेडिकल लेकर पहुंचे, जहां हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने लखनऊ रेफर कर दिया. इसके बाद मंगलवार को तड़के तीन बजे अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई. इस ख़बर के बाद से ही शिक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया था. कुड़वार बीआरसी केंद्र पर मंगलवार दिन में शिक्षकों द्वारा श्रद्धांजिल सभा आयोजित किया गया, शिक्षक नेताओं ने बीईओ और बीएसए दीपिका चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगाए. तो वहीं मृतक के पास से सुसाइट नोट भी मिला था, जिसमें साफ-साफ बीईओ पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.

शव रखकर हंगामा, परिवार ने रखी थी सात मांगे

इस घटना से आहत परिवार वालों ने शव रखकर हंगामा किया और मंगलवार देर शाम प्रधानाध्यापक का शव जब पैतृक गांव के पास पहुंचा तो परिवार शव को बीआरसी केंद्र पर ले जाने की कोशिश करने लगा लेकिन अधिकारियों ने उन्हें रोका और समझाया. इसके बाद परिवार की ओर से सात मांगे रखी गई. परिजनों ने दोषी बीईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग के साथ ही 50 लाख मुआवजा सहायता राशि देने, परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के रूप में योग्यता अनुसार नौकरी देने, नियमानुसार मृतक की पत्नी को सभी देयताओं को एक सप्ताह के अंदर प्रदान करने, मृतक की पत्नी की पेंशन एवं ग्रेज्युटी का लाभ 15 दिवस में प्रदान करने, दोषी खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव के विरुद्ध न्यायिक जांच और संपत्ति की जांच कराने, मनोजीत राव की सेवा बर्खास्त करने का मांग पत्र प्रशासन को सौंपा था. देर रात तक प्रशासन और परिवार व जनता के बीच नोक-झोक भी हुई थी.

डीएम ने दिए हैं मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

इस मामले में डीएम कृतिका ज्योत्सना ने प्रकरण में मजिस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए हैं. उन्होंने एसडीएम सदर सीपी पाठक को जांच सौंपते हुए 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है. वही BSA दीपिका चतुर्वेदी ने कुड़वार खंड शिक्षाधिकारी मनोजीत राव को हटाते हुए अपने कार्यालय से अटैच कर दिया है.

-भारत एक्सप्रेस

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