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“मेरी पूरी जिंदगी अकेले कट रही है, पहले मेरी शादी कराओ”, चुनाव में ड्यूटी लगने पर शिक्षक ने पत्र लिखकर रखी शर्त

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में 17 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर स्कूल टीचर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है.

शिक्षक ने डीएम को लिखा अजीबो-गरीब पत्र

शिक्षक ने डीएम को लिखा अजीबो-गरीब पत्र

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में 17 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर स्कूल टीचर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है. चुनाव में ड्यूटी लगने के बाद एक शिक्षक ने पत्र लिखकर ड्यूटी पर न आने के लिए कहा है. ये पत्र पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. टीचर ने पत्र में कहा है कि पहले उसकी शादी करवाओ. तभी इलेक्शन ड्यूटी करेगा. इस पत्र को मिलने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने सख्त कार्रवाई करते हुए टीचर को निलंबित कर दिया है.

शिक्षक की लगाई गई थी चुनाव में ड्यूटी

मामला सतना जिले का है. जहां अमरपाटन में महुदर हायर सेकेंड्री स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक अखिलेश कुमार मिश्रा की चुनाव में ड्यूटी लगाई थी. अखिलेश कुमार मिश्रा ने ड्यूटी लगाए जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर ड्यूटी न करने की बात कही है. इससे पहले जिला प्रशासन की तरफ से 16-17 अक्टूबर को ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया था. उसमें भी अखिलेश कुमार मिश्रा शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद प्रशासन की तरफ से अखिलेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. इस नोटिस के जवाब में अखिलेश कुमार ने पत्र लिखकर जो जवाब दिया है वो हैरान करने वाला है.

शिक्षक ने पत्र में लिखा- पहले मेरी शादी कराओ

सतना के डीएम अनुराग वर्मा को भेजे गए पत्र में अखिलेश कुमार ने लिखा है कि मेरी पूरी जिंदगी अकेले कट रही है. पहले मेरी शादी कराओ, उसके बाद ही मैं चुनावी ड्यूटी करूंगा. इसके बाद डीएम ने अखिलेश कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया. अखिलेश ने इस पत्र में साढ़े तीन लाख रुपये दहेज और सिंगरौली टावर या समदरिया में फ्लैट के लिए लोन भी मंजूर करने की मांग की है.

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डीएम ने 2 नवंबर को कर दिया था सस्पेंड

अखिलेश ने पत्र में आगे लिखा है कि क्या करें? मेरे पास शब्द नहीं हैं. आप ज्ञान के सागर हैं. अखिलेश कुमार की तरफ से पत्र मिलने के बाद डीएम ने 2 नवंबर को उन्हें सस्पेंड कर दिया था. डीएम ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के कार्य से इनकार करना और दहेज की मांग करना कानूनी अपराध है. दहेज लेना और देना एक सामाजिक बुराई है. इसे किसी भी हालत में बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस

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