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जिला अदालतों के रिकार्ड रूम की स्थिति अच्छी नहीं- दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि रिकार्ड की छंटनी की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने और नियमित आधार पर निगरानी करने की आवश्यकता है।

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दिल्ली हाईकोर्ट.

दिल्ली के जिला अदालतों की स्थिति को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जिला अदालतों के रिकार्ड रूम की स्थिति अच्छी नहीं है। रिकार्ड को जल्द से जल्द छांटने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के अलावा उसे नियमित आधार पर निगरानी की जानी चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने दिल्ली की सभी जिला अदालतों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को अपने-अपने जिलों में रिकार्ड की छंटनी की प्रगति की निगरानी करने तथा इस संबंध में प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है।

अदालतों में छंटनी की निगरानी के लिए गठित हैं समितियां 

हाईकार्ट प्रशासन की ओर से पीठ को बताया गया कि इसको लेकर आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। सभी जिला अदालतों में छंटनी की निगरानी के लिए समितियां गठित की गई है। लगभग 52 हजार फाइल पहले ही हटा दी गई है। जनवरी से मार्च 2024 तक की त्रैमासिक रिपोर्ट के अनुसार सभी जिला अदालतों से कुल 1,91,512 फाइल की छंटाई के लिए पहचान की गई है। अब तक 52,167 दाखिल फाइल को छांट दिया गया है।

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पीठ ने इसके बाद कहा कि यह अदालत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती है कि जिला अदालतों के रिकार्ड रूम की स्थिति गंभीर है। रिकार्ड की छंटनी की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने और नियमित आधार पर निगरानी करने की आवश्यकता है। उसने सभी जिला अदालतों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से त्रैमासिक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और सुनवाई 2 सितंबर के लिए स्थगित कर दी। पीठ ने यह निर्देश जिला अदालतों में चल रहे मामलों में दस्तावेजों एवं आवेदनों को दाखिल करने की प्रशासनिक प्रक्रिया से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

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