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दिल्ली पुलिस द्वारा AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को बैड कैरेक्टर घोषित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, सुनाया यह फैसला

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह को राहत देने से इंकार कर दिया था और ईडी के समक्ष पेश होने को कहा था.

Amanatullah-khan-arrested ed action against aam aadmi party mla in Delhi Waqf Board scam

AAP विधायक अमानतुल्लाह

AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को बैड कैरेक्टर घोषित करने के दिल्ली पुलिस के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर किसी पुलिस अधिकारी ने जानबूझकर अमानतुल्लाह खान के नाबालिग बेटों की पहचान दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ तैयार की गई हिस्ट्रीशीट में उजागर की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

जानबूझकर ऐसा करने पर होगी कार्रवाई

कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस अधिकारी ने जानबूझकर नाम उजागर किया है और दिल्ली पुलिस के नियमों का पालन नही किया है. तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ करवाई की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का दायरा बढ़ाते हुए भारत के सभी राज्य सरकारों से अपराधियों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट पर अपनी नीति स्पष्ट करने को कहा है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हिस्ट्रीशीट किसी भी पुलिस संगठन का आंतरिक दस्तावेज है और इसे सार्वजनिक नही किया जाना चाहिए. हिस्ट्रीशीट एक दस्तावेज है जिसमें कथित अपराधियो के खिलाफ मामलों का विवरण और कथित अपराधी के दोस्तों और रिस्तेदारों का विवरण होता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पुलिस को नियमित रूप से हिस्ट्रीशीट देखनी चाहिए और निर्दोष रिश्तेदारों के नाम और विवरण हटाने चाहिए.

पिछड़े और वंचित समुदायों के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछड़े और वंचित समुदायों के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है क्योंकि उनके नाम हिस्ट्रीशीट में दर्ज है. यह निर्दोष लोगों की गरिमा के खिलाफ है. बता दें कि अमानतुल्लाह खान ने सवाल उठाया था कि दिल्ली पुलिस ने उनके नाबालिग बेटों और पत्नी के नाम वाली हिस्ट्रीशीट सार्वजनिक किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिस्ट्रीशीट एक आंतरिक दस्तावेज है और इसे सार्वजनिक नही किया जा सकता है. इससे यह सवाल उठा है कि दिल्ली पुलिस ने अमानतुल्लाह खान की हिस्ट्रीशीट को किस तरह से सार्वजनिक किया. मामले की सुनवाई के दौरान अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील ने कहा था कि विपक्षी पार्टियों द्वारा खान की छवि पर हमला किया जा रहा है. पिछले साल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में बाधा पहुचाने के बाद दिल्ली पुलिस ने हिस्ट्रीशीट ओपन कर बैड कैरेक्टर घोषित किया था. बता दें कि दिल्ली हाइकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अमानतुल्लाह खान अपने टैग को हटाने की मांग संबंधित अधिकारियों से कर सकते है.

पुलिस ने अमानतुल्लाह खान को दिया बैड कैरेक्टर टैग 

पुलिस ने ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को बैड कैरेक्टर टैग दिया था. खान के वकील ने दावा किया था कि हिस्ट्रीशीट की प्रतिकृति, जो एक गोपनीय दस्तावेज है, एक प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के प्रवक्ता द्वारा सोशल मीडिया पर साझा की गई ताकि उनकी छवि को खराब किया जा सके. खान को खराब चरित्र वाला घोषित करने का प्रस्ताव पिछले साल 28 मार्च को दक्षिणपूर्व जिले के जामिया नगर पुलिस थाने की ओर से भेजा गया था और 30 मार्च 2022 को इसे मंजूरी दे दी गई थी. दस्तावेज में कहा गया था कि खान के खिलाफ कुल 18 एफआईआर दर्ज है.

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गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह को राहत देने से इंकार कर दिया था और ईडी के समक्ष पेश होने को कहा था. अमानतुल्लाह ईडी के समन के बावजूद भी ईडी के सामने पेश नही हो रहे थे. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2018-2022 का है. उनपर आरोप है कि इस दौरान अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक़्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए कई कर्मचारियों की नियुक्तियों में अनियमितता बरती. इतना ही नही वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को भी गलत तरीके से पट्टे पर दे दिया. इस पूरी कवायद में उन्होंने आर्थिक लाभ भी कमाए. ईडी की छापेमारी में इसके सबूत भी मिले है.

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