झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव (पीएस) और उनके नौकर को प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. ED द्वारा इनके पास से 36.23 करोड़ रुपये जब्त किये गये. सोमवार की रात आलमगीर आलम के रांची स्थित आवास से बरामद नकदी से भरे स्टील ट्रंक उठा लिये गये.
छह दिनों के लिए ईडी की रिमांड
कथित तौर पर, दोनों से ईडी ने रात भर पूछताछ की और बाद में मंगलवार को हिरासत में ले लिया. अधिकारियों ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उनकी गिरफ्तारी के बाद, दोनों को एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया और छह दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया. ईडी ने कल की छापेमारी के बाद मंगलवार को झारखंड के रांची में पांच स्थानों पर तलाशी ली और राजीव कुमार सिंह नाम के एक ठेकेदार से लगभग 1.5 करोड़ रुपये जब्त किए. अधिकारियों ने कहा कि कथित तौर पर उसके माध्यम से 10 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई. इससे पहले, ईडी ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम के खिलाफ एक मामले की चल रही जांच के सिलसिले में 6 मई को रांची में कई स्थानों पर छापेमारी की थी.
35.23 करोड़ रुपये नकद किए बरामद
कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें फरवरी 2023 में ईडी ने गिरफ्तार किया था. 21 फरवरी, 2023 को रांची, जमशेदपुर और झारखंड, बिहार और दिल्ली के कुछ अन्य स्थानों पर कई तलाशी शुरू करने के बाद मुख्य अभियंता को ईडी ने पकड़ लिया था. इससे पहले सोमवार सुबह ईडी ने रांची में संजीव लाल और उनके घरेलू सहायक आलमगीर आलम दोनों के परिसरों पर छापेमारी की और अब तक उनके पास से 35.23 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं.
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2019 में उनके एक मातहत के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. बाद में, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामले को अपने हाथ में ले लिया.
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