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Tejas कैटगरी के इन लड़ाकू विमानों से बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत, जानिए क्या है खासियत

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किए गए हल्के लड़ाकू विमान (LWA) श्रेणी के पहले Tejas MK-1A ने बेंगलुरु में अपनी पहली उड़ान भरी.

Tejas MK1A Aircraft.

Tejas MK1A fighter Jet: भारत ने रक्षा विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है. हल्के लड़ाकू विमान (LWA) श्रेणी के पहले Tejas MK-1A ने गुरुवार (28 अप्रैल) को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सुविधा केंद्र से अपनी पहली उड़ान भरी. इस विमान का निर्माण करने वाली सरकार संचालित कंपनी एचएएल ने कहा कि देश अब भारतीय वायुसेना (IAF) में इसके शीघ्र शामिल होने की उम्मीद कर सकता है.

इस दौरान एचएएल प्रमुख सीबी अनंतकृष्णन ने कहा, ‘फरवरी 2021 में अनुबंध के बाद वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल में प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के बीच एचएएल ने डिजाइन और विकास के साथ विमानन क्षेत्र में मील का पत्थर हासिल कर लिया है.’

एचएएल के मुख्य परीक्षण पायलट ग्रुप कैप्टन केके वेणुगोपाल (सेवानिवृत्त) ने हल्के लड़ाकू विमान MK-1A को 18 मिनट तक उड़ाया. एचएएल ने कहा, ‘18 मिनट हवा में रहने के साथ यह एक सफल उड़ान थी.’

भारतीय वायुसेना विमानों को खरीदेगा

भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2021 में 48,000 करोड़ रुपये में 83 Mk-1A लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था और लगभग 67,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 और Mk-1A लड़ाकू विमानों को खरीदने की उसकी योजना है. पहला विमान 31 मार्च 2024 तक वायुसेना को दिया जाना था, लेकिन इसमें कुछ देरी हो गई.

एचएएल ने रक्षा मंत्रालय, वायुसेना, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन और अन्य एजेंसियों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने Mk-1A विमान के उड़ान कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया है.

इन सुविधाओं से लैस है Tejas MK-1A विमान

तेजस एमके-1ए विमानों में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक रडार, बेहतर युद्ध क्षमताएं और बेहतर रखरखाव सुविधाएं होंगी. Mk-1A, Mk-1 का उन्नत संस्करण है, जिसे पहले ही वायुसेना द्वारा अपने बेड़े में शामिल किया जा चुका है. ये विमान आने वाले दशक और उसके बाद वायुसेना की लड़ाकू शक्ति की आधारशिला के रूप में उभरने के लिए तैयार है.

एमके-1ए अन्य सुधारों के अलावा डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बेहतर एईएसए (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड आरे) रडार, एडवांस विजुअल रेंज (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सेल्फ-प्रोटेक्टशन जैमर पॉड से सुसज्जित है.

एचएएल ने 8,802 करोड़ रुपये की लागत वाले 40 तेजस एमके1 ऑर्डर में से 32 सिंगल-सीट एलसीए लड़ाकू विमान और 8 ट्विन-सीट ट्रेनर्स में से दो की डिलीवरी की है. एचएएल को अब मार्च 2024 से फरवरी 2028 की समयसीमा में 83 तेजस एमके-1ए की डिलीवरी करनी है.

-भारत एक्सप्रेस



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