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Himachal: ढह गया सपनों का घर, फिर भी ड्यूटी पर पहुंचा हिमाचल का यह जवान, रुला देगी इनकी कहानी

हालांकि, जज्बा देखिए चंद घंटों बाद ही अशोक गुलेरिया ड्यूटी पर पहुंच गए. गुलेरिया ने कहा, ” हमने अपने सपनों का घर बनाया था. इस घर में करीब 1 करोड़ रुपये खर्च किए थे.”

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Himachal: इनदिनों बारिश ने पहाड़ों पर तबाही मचा रखी है. जगह-जगह हो रहे लैंडस्लाइड से लोगों को काफी नुकसान पहुंचा है. बीते कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों से बारिश की वजह से भयानक नुकसान की खबरें आईं. हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में लैंडस्लाइड और बादल फटने की वजह से लोगों को लाखों-करोड़ों का नुकसान हुआ है.

लैंडस्लाइड का दर्द शिमला में तैनात हेड कांस्टेबल अशोक गुलेरिया से बेहतर और कौन जान सकता है. भारतीय सेना से लांस नायक के पद से रिटायर होने के बाद गुलेरिया हेड कांस्टेबल बन गए. दो साल पहले उन्होंने मंडी जिले में अपने पैतृक गांव में जीवन भर की कमाई से 80 लाख रुपये की लागत से एक घर बनाया था, लेकिन 14 अगस्त की सुबह हिमाचल प्रदेश में हुए भूस्खलन के बाद वह मलबे के ढेर में तब्दील हो गया.

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1 करोड़ की लागत से बनाया था घर

हालांकि, जज्बा देखिए चंद घंटों बाद ही अशोक गुलेरिया ड्यूटी पर पहुंच गए. गुलेरिया ने कहा, ” हमने अपने सपनों का घर बनाया था. इस घर में करीब 1 करोड़ रुपये खर्च किए थे. उन्होंने कहा, “घर के बाहर की सड़क टूट जाने की वजह से मैं अपनी कार भी नहीं निकाल सका. हमने अपने घर में पसंद के फर्नीचर लगाए थे.

अपने सपनों के घर को अपनी आंखों के सामने ढहते देखने के बाद भी गुलेरिया ड्यूटी पर पहुंच गए. उन्होंने पहले की तरह ही ड्यूटी की. जब गुलेरिया से पूछा गया कि आपका घर तो ढह गया तो उन्होंने कहा, ” घर तो चला ही गया अब बस नौकरी बची है वही कर रहा हूं. बताते चलें कि सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के ततीह गांव में लगभग 325 लोग रहते हैं. इस हादसे से पहले गांव के करीब 10 लोगों ने अपने-अपने घर खाली कर चुके हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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