कैदियों ने बाबा विश्वनाथ से मांगी गुनाहों की माफी
काशी- भगवान भोले की नगरी अविरल काशी, अद्भुत काशी देश में ही नहीं पूरी दुनिया में मोक्ष हासिल करने के लिए जानी जाती है. मां गंगा के तट पर बसा यह प्राचीन शहर भारत की सांस्कृतिक धरोहर है. कहा जाता है बाबा विश्वनाथ धाम के दर्शन मात्र से बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते हैं. उनके सामने शीर्ष झुकाकर लोग अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. ऐसा ही कुछ वाराणसी के जिला जेल चौकाघाट में बंद कैदियों ने किया है. अपने गुनाहों के लिए जेल की चक्की पीस रहे ये बंदी अब अपने पापो के लिए भगवान भोलेनाथ से माफी मांगते नजर आ रहे हैं.
बाबा विश्वनाथ से अपराधियों ने मांगी माफी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे अपराधी बाबा विश्वनाथ के चरणों में शीर्ष झुकाकर उनसे अपने पापो की माफी मांग रहे हैं. चौकाघाट जेल में कैदियों ने दीवारों पर श्री काशी विश्वनाथ धाम का चित्र उकेरा है. यह सभी रोज बाबा विश्वनाथ के चित्र पर पूजा-पाठ करते हैं और अपने अपराधो की माफी मांगते हैं.
अमृत महोत्सव के तहत कलाकृति
जेल में बंद कैदियों ने बाबा विश्वनाथ के चरित्रों के अलावा संत कबीर जन्मस्थली, तुलसीदास और भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ, काशी के घाट की विश्व प्रसिद्ध आरती समेत काशी की छटा दीवारों पर उकेरी है. जिला जेल अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि, आजादी के 75वीं वर्षगाठ के अंतर्गत अमृत महोत्सव के तहत बंदियों ने काशी के प्रमुख स्थलों को जेल परिसर की दीवारों पर उकेरा है. उन्होंने बताया कि इन तस्वीरों को जेल में बंद 3 कैदियों ने सिर्फ 3 महीनों में ही बनाया है. इनका सहयोग जेल में ही उनके कुुछ कैदी साथियों ने दिया था. बंदियों ने दीवार पर इन आकृतियों को बनाने के लिए सीमेंट, रेत, रंग और अन्य सामग्री के मांगी थी जो कि उन्हें उपलब्ध कराई गई.
बता दें शिव शंकर की नगरी काशी में जिला जेल में एक शिव मंदिर भी बंदियों ने बनाया है. यहां सभी कैदी भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं जिसके बाद यहां रोजान प्रसाद भी बनाया जाता है और बाबा को भोग लगाने के बाद पूरे में जेल में बांटा जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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