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पंजाब में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से किया इनकार

इस बार के पंचायत चुनाव में पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों का आरोप है कि उनसे जुड़े लोगों और उम्मीदवारों के नामांकन जबरन रद्द किए गए हैं.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

पंजाब में पंचायत चुनाव के लिए रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. यह निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका सीधा असर पंचों और सरपंचों के पदों के लिए चुनाव लड़ रहे लगभग 1.05 लाख उम्मीदवारों के भविष्य पर पड़ेगा.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अब पंचायत चुनाव आयोजित किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने तुरंत सुनवाई की मांग की, लेकिन मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने इससे इनकार कर दिया. CJI ने कहा कि “चुनाव शुरू हो चुके हैं, तो हम इस समय हस्तक्षेप कैसे कर सकते हैं?” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि शायद हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझ लिया है और चुनाव पर लगी रोक हटा दी है. CJI ने आगे कहा, “मतदान शुरू हो चुका है, मान लीजिए हम रोक देते हैं, तो अराजकता होगी. मामले पर सुनवाई होगी, लेकिन हम चुनाव नहीं रोक रहे हैं.”

याचिकाकर्ता के वकील ने इसे असामान्य स्थिति बताते हुए चिंता जताई, लेकिन CJI ने जवाब दिया, “लेकिन यह असामान्य लोकतंत्र भी है. कल कोई कहेगा कि मतदान शुरू होने के बाद संसदीय चुनाव रोक दिए जाएं, क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?”

पंजाब में आज पंचायत चुनाव हो रहे हैं, और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को चुनावों को चुनौती देने वाली लगभग 1000 याचिकाओं को खारिज कर दिया. हालांकि, हाई कोर्ट ने याचिकाओं में चुनाव की वीडियोग्राफी की मांग को स्वीकार कर लिया है.

इस बार के पंचायत चुनाव में पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों का आरोप है कि उनसे जुड़े लोगों और उम्मीदवारों के नामांकन जबरन रद्द किए गए हैं. इसके अलावा, किसी को भी एनओसी जारी नहीं की गई है, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं.

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-भारत एक्सप्रेस

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