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Atiq Ahmed: माफिया अतीक के फाइनेंसर नफीस मौत मामले की होगी मजिस्ट्रियल जांच, जेल प्रशासन ने कोर्ट के साथ ही शासन को भेजी रिपोर्ट

Prayagraj: वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर ने बताया कि, बंदी नफीस की मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी.

नफीस बिरयानी-अतीक अहमद (फाइल फोटो-सोशल मीडिया)

Atiq Ahmed: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के करीबी और फाइनेंसर नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत के बाद जिला प्रशासन ने उसकी रिपोर्ट कोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल और शासन को भी भेजी है. तो वहीं अब उसकी मौत की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी. बीते दिनों उसकी मौत हार्ट अटैक से स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में हुई थी. नफीस को 22 नवम्बर को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था और वह प्रयागराज के नैनी जेल में बंद था. इसी दौरान उसे दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में एडमिट कराया गया था.

बीते पांच दिसंबर को केंद्रीय कारागार में नफीस को निरुद्ध किया गया था, इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने उसे 17 दिसंबर को एसआरएन में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. तभी से उसके घर में मातम पसरा हुआ है. तो वहीं उसकी मौत के मामले में जेल प्रशासन की ओर से संबंधित कोर्ट, डीएम और शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर ने इस मामले पर बताया कि, बंदी नफीस की मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी.

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पत्नी-बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल

बता दें कि अतीक अहमद के फाइनेंसर व ईट ऑन बिरयानी रेस्टोरेंट के मालिक नफीस अहमद के घर में उसकी पत्नी व उसकी तीन बेटियां हैं, जिनका रो-रो कर बुरा हाल है. तो दूसरी ओर उसके मोहल्ले में लगातार सन्नाटा पसरा हुआ है. नफीस की मौत पर उसके परिवार वालों से लेकर करीबी रिश्तेदार भी बोलने से बच रहे हैं. बता दें कि नफीस के शव को काला डांडा के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया है. सोमवार को पोस्टमार्टम के दौरान उसके दो भाइयों के अलावा तीन अन्य रिश्तेदार भी मौजूद रहे. इस दौरान पत्रकारों ने नफीस की मौत को लेकर उसके भाईयों से कुछ सवाल करना चाहा, लेकिन वे बिना कुछ बोले ही वहां से चले गए. बता दें कि एक समय ऐसा था कि नफीस का नाम उसके मोहल्ले व प्रयागराज में बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता था, लेकिन अब वही करीबी औऱ मोहल्ले के लोग उसकी मौत के बाद कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं. बताया जा रहा है कि, बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के अहम गवाह उमेश पाल की हत्या में नफीस का नाम आने के बाद से ही उसके नाते-रिश्तेदारों ने उससे दूरियां बना ली थी.

अतीक से जुड़ते ही करोड़ों में होने लगी थी कमाई

पुलिस सूत्रों की मानें तो नफीस पहले प्रयागराज के सिविल लाइन इलाके में पान की दुकान चलाता था. इसी दौरान वह माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद के सम्पर्क में आया और फिर बिरयानी की दुकान खोल ली. इसके बाद उसकी एक महीने की कमाई करीब दो करोड़ रुपए में बदल गई थी. सूत्र बताते हैं कि वह अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा हर महीने अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को दिया करता था. बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक की शाइस्ता भी फरार चल रही है. उस पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा है.

-भारत एक्सप्रेस



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