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अयोध्या में मस्जिद के लिए मिली जमीन पर इस महिला ने ठोका दावा, बोली- प्रशासन वापस दिलाए, वरना जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

रानी पंजाबी ने कहा कि उनके पिता ज्ञानचंद पंजाबी ने बंटवारे के बाद पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे. भारत आने के बाद वो फैजाबाद गए और वहां पर उन्हें 28.35 एकड़ जमीन अलॉट की गई थी.

Ayodhya

मस्जिद की जमीन पर विवाद.

अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए कोर्ट के आदेश पर धुन्नीपुर में सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जमीन दी गई थी. जिसपर मस्जिद का निर्माण होना है, लेकिन उससे पहले ही इस जमीन पर एक महिला ने दावा ठोक दिया है. महिला का कहना है कि ये जमीन उसके परिवार की है और उसपर उसे कब्जा दिलाया जाए.

महिला ने किया दावा

बता दें कि दिल्ली की रहने वाली रानी पंजाबी नाम की महिला ने दावा किया है कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या के धुन्नीपुर में जो 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए दी गई है, वो उनके परिवार की 28.35 एकड़ जमीन का हिस्सा है. रानी पंजाबी ने ये भी कहा कि उनके पिता ज्ञानचंद पंजाबी ने बंटवारे के बाद पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे. भारत आने के बाद वो फैजाबाद गए और वहां पर उन्हें 28.35 एकड़ जमीन अलॉट की गई थी.

प्रशासन से जमीन वापस दिलाने की मांग

रानी पंजाबी के अनुसार 1983 में उनके पिता इस जमीन पर खेती करते थे. बाद में उनके पिता का स्वास्थ्य खराब हुआ तो परिवार इलाज के लिए दिल्ली में रहने लगा. तभी से इस जमीन पर वहां के लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया. रानी का कहना है कि उन्हें मस्जिद के बनने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रशासन न्याय करते हुए उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाए. रानी दावा कर रही हैं कि उनके पास जमीन के मालिकाना कागजात भी हैं, जिसको लेकर वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी.

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इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट क्या बोला?

दूसरी ओर, मस्जिद का निर्माण करने के लिए बनाए गए इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने रानी पंजाबी के इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि रानी जो भी दावा कर रही है, उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2021 में ही खारिज कर दिया था.

-भारत एक्सप्रेस



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