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Ramcharitmanas Controversy: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस वाले बयान पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. विरोधी पार्टियां समेत साधु-संत भी उन पर लगातार हमले कर रहे हैं. स्वामी के बायन के बाद अब समाजवादी पार्टी भी विरोधियों के निशाने पर है. अब इस कड़ी में अब भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने रामचरितमानस पर की गई टिप्पणाी को समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत बयान बताया है.
जब राकेश टिकैत से रामचरितमानस को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि,”ये उनका व्यक्तिगत बयान है. जिसने रामचरितमानस पढ़ा ही नहीं और उसका गलत, उल्टा अर्थ निकाल रहे हैं. उन्हें इन तरह के बयान नहीं देने चाहिए. वो एक धार्मिक ग्रंथ है. किसी भी धार्मिक ग्रंथ या पुस्तक के बारे में टिप्पणी करने से किसी भी राजनीतिक व्यक्त को दूर रहना चाहिए. इन सब चिजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.”
प्रदेश में उनके तमाम विरोध के बावजूद भी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने पर बयान पर कयाम हैं. उन्होंने मंलगवार को भी ट्वीट कर लिखा, “देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है. आखिर ये भी तो हिन्दू ही हैं. क्या अपमानित होने वाले 97% हिन्दुओं की भावनाओं पर अपमानित करने वाले 3% धर्माचार्यों की भावनायें ज्यादा मायने रखती हैं.”
रामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और संत समाज आमने-सामने हैं. दोनों की तरफ से विवादित टिप्पणी की जारी है. स्वामी ने सोमवार को कहा था कि “धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा.” वहीं महंत राजू दास ने तो यह तक कह दिया था कि जो उनका सिर तन से जुदा करेगा उसे 21 लाख का इनाम दिया जाएगा.
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