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UP News: अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को लेकर जारी रहेगा ट्रायल, हस्तक्षेप करने से हाईकोर्ट ने किया इनकार

रामपुर की एमपी एमएलए विशेष कोर्ट में आजम खान के साथ ही तीनों अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमे का ट्रायल चल रहा है.

फोटो सोशल मीडिया

UP News: सपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के साथ ही आजम खां की पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ ट्रायल पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है. इस पूरे मामले में अदालत ने कहा है कि, याचिका तय होने तक ट्रायल कोर्ट से केस का निर्णय नहीं आयेगा. इसी के साथ कोर्ट ने मुकदमे के ट्रायल पर रोक लगा दी है और फिर आजम खान की उस याचिका, जिसमें कुछ नए साक्ष्य को प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी गई है, पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

बता दें कि रामपुर की एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में आजम खान के साथ ही तीनों अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमे का ट्रायल चल रहा है. आजम खान ने एक याचिका दायर की है और मांग की है कि, एमपी एमएलए कोर्ट में जो ट्रायल चल रहा है, उसमें उनको साक्ष्य के रूप में एक पेन ड्राइव और वीडियो क्लिप दाखिल करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि मुकदमे का मुख्य गवाह मोहम्मद शफीक वादी मुकदमा आकाश सक्सेना का नजदीकी है और यही कारण है कि, मोहम्मद शफीक उनके खिलाफ गवाही दे रहे हैं.

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शफीक स्वीकार कर चुका है पेन ड्राइव की बात

वहीं इस याचिका का अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और अपर शासकीय अधिवक्ता जे के उपाध्याय विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि, शफीक ने जो बयान दिया है, उसमें पेन ड्राइव की बात स्वीकार चुका है. ऐसे में पेन ड्राइव को साक्ष्य के तौर पर शामिल करने की अनुमति मांगने के लिए याचिका दायर की गई है, उसका एकमात्र उद्देश्य ट्रायल को लंबित करना है. इसीलिए इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. तो वहीं कोर्ट ने दोनों पक्षों को गौर से सुना और फिर इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट को यह निर्देश दिया गया है कि वह मुकदमे का ट्रायल जारी रखें, लेकिन जब तक इस याचिका पर कोई फैसला नहीं आता, तब तक ट्रायल पर निर्णय नहीं सुनाया जा सकता है.

जानें क्या है मामला ?

बता दें कि अब्दुल्ला आजम ने अपनी उम्र को लेकर दो-दो आयु प्रमाण पत्र बनवाए हैं और व्यक्तिगत लाभ के लिए दोनों में ही अलग-अलग जन्म तिथियां लिखवाई हैं. मीडिया सूत्रों की मानें तो, उन्होने जो विधानसभा का चुनाव लड़ा है, वह भी गलत आयु प्रमाण पत्र के भरोसे ही लड़ा है व इस सम्बंध में जो जांच हुई है, उसमें अब्दुल्ला आजम का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. यही वजह रही कि, उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. मालूम हो कि, फर्जी आयु प्रमाण पत्र के मामले में आकाश सक्सेना ने मुकदमा दर्ज कराया है.

-भारत एक्सप्रेस

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