माफिया अतीक और उसका भाई, (फाइल फोटो-PTI)
UP Monsoon Session: यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ और विपक्ष के भारी हंगामे के बाद मंगलवा को सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया. वहीं पहले दिन विपक्ष ने महंगाई, किसानों के गन्ना भुगतान, बेरोजगार जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. वहीं विधानमंडल के बाहर प्रदर्शन करने के साथ ही सदन के अंदर भी नारेबाजी की और तख्तियां दिखाई तो वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विपक्षी दलों के नेताओं को शांत किया और फिर इस वजह से कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित रही.
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन ने माफिया से नेता बने पूर्व विधायकों अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को श्रद्धाजंलि दी. दोनों को पुलिस कस्टडी के दौरान बदमाशों ने उस वक्त गोली मार दी थी जब उनको प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था. सदन में दोनों का नाम सबसे अंतिम में लिया गया.
बता दें कि दोनों यूपी विधानसभा के सदस्य रहे हैं. दोनों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया. इसीलिए श्रद्धांजलि के लिए परंपरागत रूप से अतीक अहमद और अशरफ का नाम भी उस लिस्ट में शामिल किया गया, जिसमें श्रद्धांजलि दिए जाने वालों के नाम शामिल थे. विधानसभा में इन दोनों के अलावा अन्य दिवंगत नेताओं को भी श्रद्धाजंलि दी गई. सदन ने सत्र के पहले दिन पूर्व विधायक सत्तार अंसारी, अमर सिंह, प्रेम प्रकाश सिंह, रणधीर सिंह, सुजान सिंह बुंदेला, शारदा प्रताप शुक्ला, हरिशंकर तिवारी, हरिद्वार दुबे, अवनीश कुमार सिंह, अबरार अहमद और खालिद अजीम अशरफ को श्रद्धांजलि अर्पित की.
बता दें कि विपक्ष खासकर सपा ने सरकार को घेरने के लिए पूरी रणनीति के साथ सत्र में पहुंचे और सरकार को जातिगत जनगणना के अलावा महंगाई, किसान और कानून व्यवस्था के सवाल पर घेरकर जमकर हंगामा किया और बयानबाजी की. सत्ता पक्ष भी विधानमंडल में विपक्ष के जवाब देने के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंचा था. हालांकि नियमों का हवाला देकर विपक्ष की मणिपुर घटना पर चर्चा की मांग पूरी करने से विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने इनकार कर दिया.