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तुलसी गबार्ड का भारत दौरा, कहा- अमेरिका फर्स्ट को न समझें अमेरिका अकेला

भारत दौरे पर आई अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति को “अमेरिका अकेला” के रूप में समझना गलत होगा.

Tulsi Gabard

Tulsi Gabbard India Visit: भारत दौरे पर आई अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति को “अमेरिका अकेला” के रूप में समझना गलत होगा. राजधानी दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “अमेरिका फर्स्ट” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “इंडिया फर्स्ट” की प्रतिबद्धता की तरह है.

गबार्ड ने कहा, “यह किसी भी नेता की अपने लोगों के प्रति प्रतिबद्धता की अपेक्षाओं को दर्शाता है, जिसमें उन्हें सेवा देना और उनके हितों को निर्णयों के केंद्र में रखना होता है. ट्रंप को ऐसे राष्ट्रपति के रूप में गलत नहीं समझा जाना चाहिए जो अन्य देशों के साथ रिश्तों की अहमियत नहीं समझते. वह साझा हितों की दिशा में काम करने में विश्वास रखते हैं.”

अमेरिका फर्स्ट’ नीति और साझा हितों की बात

गबार्ड ने राष्ट्रपति ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के बारे में यह स्पष्ट किया कि इसका उद्देश्य अमेरिका के सुरक्षा और स्वतंत्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है. उन्होंने कहा, “अमेरिका का यह कदम ‘अमेरिका अकेला’ का प्रतीक नहीं है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत और अमेरिका के बीच दशकों पुरानी साझेदारी को दो महान नेताओं—राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी—ने और मजबूत किया है, और यह साझेदारी शांति, स्वतंत्रता, सुरक्षा और समृद्धि के साझा मूल्यों पर आधारित है.

भारत की सुरक्षा चिंताएं और सहयोग की आवश्यकता

गबार्ड ने भारतीय अधिकारियों से अपनी बातचीत के बारे में भी बताया, जिसमें उन्होंने भारत की सुरक्षा को लेकर “बहुत गंभीर चिंताओं” को सुना. हालांकि, उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने की बात की, लेकिन उन्होंने खासतौर पर उन समूहों का जिक्र नहीं किया जो भारत के लिए खतरा बन सकते हैं, जैसे कि “सिख्स फॉर जस्टिस” जिनके खिलाफ भारत अमेरिका से प्रतिबंध की मांग करता है.

इंटेलिजेंस साझेदारी और क्षेत्रीय सुरक्षा

गबार्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इंटेलिजेंस साझेदारी से संबंधित कई अवसर हो सकते हैं, खासकर समय पर इंटेलिजेंस प्रदान करने के संदर्भ में. उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रगति की दिशा में एक अहम कदम बताया और विश्वास व्यक्त किया कि यह साझेदारी और मजबूत होगी.

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की अहमियत

गबार्ड ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की, इसे एक विशाल और रणनीतिक क्षेत्र बताया जो 21वीं सदी के भू-राजनीतिक केंद्र का प्रतिनिधित्व करता है. “यह क्षेत्र न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे सामूहिक सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि और हमारे द्वारा सामना किए जा रहे बड़े चुनौतियों के समाधान के लिए भी अहम है,” उन्होंने कहा.

गबार्ड ने कहा, “हमारे लिए यह जरूरी है कि हम इन चुनौतियों का सामूहिक रूप से सामना करें. हम जो कुछ भी करेंगे, वह हमारे साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण होगा.”

भारत-अमेरिका संबंध और साझेदारी की दिशा

गबार्ड ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहद मजबूत हैं और यह साझेदारी भविष्य में और भी सशक्त होगी. दोनों देशों के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, शांति और समृद्धि की साझेदारी को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया.

गबार्ड का भारत दौरा अमेरिकी-भारतीय संबंधों को और मजबूत करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों देशों की साझा प्राथमिकताएँ और रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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