एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे
Mumbai: शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों ही छिन जाने के उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर एक बजे पार्टी के विधायकों और सांसदों की मीटिंग बुलाई थी. इस बात की भी उम्मीद है कि मीटिंग में उद्धव ठाकरे कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के लोगों को शिवसेना का प्रतीक तीर कमान और पार्टी का नाम दोनों सौंप दिया. इसके बाद से ही शिवसेना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है.
सीएम शिंदे ने बताया लोकतंत्र की जीत
चुनाव आयोग के इस फैसले को सीएम शिंदे ने जहां लोकतंत्र की जीत बताया तो वहीं संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया. वहीं ठाकरे गुट की ओर इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कही जा रही है.
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पवार ने कहा चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करें
एनसीपी नेता शरद पवार ने इस मामले में कहा है कि ये फैसला चुनाव आयोग का है. एक बार फैसला हो गया तो उसके बाद उसपर कोई चर्चा नहीं हो सकती. उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए नया चुनाव चिह्न लेने की बात कही है. उन्होंने यह भी कहा है कि पुराने चुनाव चिह्न के चले जाने से कोई खास असर नहीं होने वाला है. लोग पार्टी के नए निशान को स्वीकार करेंगे.
शरद पवार का यह भी कहना था कि चुनाव आयोग के फैसला के बाद अगले 15-30 दिनों तक लोग इस पर चर्चा करेंगे, इसके अलावा इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
चुनाव आयोग के फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने अपनाया नया नाम-चिन्ह
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अलग हुए गुट को मूल ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न् दिए जाने के एक दिन बाद, इसके कई नेताओं ने शनिवार को सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नई पहचान अपना ली है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री शंभूराज देसाई, उदय सामंत, दीपक केसरकर, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार और कई सांसद और विधायक अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नए नाम-चिन्ह व लगा लिए हैं।
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