अतीक अहमद (लाल घेरे में) और पंक्तियां पढ़ते इमरान प्रतापगढ़ी (फोटो सोशल मीडिया)
Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड के बाद से जहां माफिया डॉन व पूर्व सांसद अतीक अहमद के बुरे दिन शुरू हो गए हैं तो वहीं उसकी तारीफ में कभी पढ़ी गई शायरी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जो यह बता रही है कि जिसे आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिट्टी में मिला रहे हैं. उसकी कभी यूपी के पूरब से पश्चिम तक तूती बोलती थी, लेकिन आज जब यूपी में एक्शन हुआ है तो गुजरात के साबरमती जेल में बैठा माफिया अतीक सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाकर ये गिड़गिड़ा रहा है कि उसे यूपी न भेजा जाए.
खैर… सूत्रों की मानें तो कभी इलाहाबाद में एक तबका ऐसा भी था जो कि खुद को अतीक से जोड़ता था और उसे इस बात के लिए फक्र महसूस होता था. सब कुछ जानते हुए भी लोग उस पर नाज करते थे. एक शाम प्रयागराज में शायरों की महफिल सजी तो शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने मंच से अतीक की शान में जो कसीदे पढ़े, वह वर्तमान में ये बताने के लिए काफी है कि तब शहर में अतीक अहमद का मतलब क्या होता था. इस कार्यक्रम की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि अतीक कार्यक्रम की पहली पंक्ति में ही बैठा हुआ है.
अपनी स्टाइल में उसने सिर पर सफेद गमछा लपेट रखा है और जब वाह-वाह का दौर शुरू हुआ तो गुलाबी ठंड की उस शाम गर्माहट दौड़ गई थी. फिलहाल इस वक्त जब दिनदहाड़े प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक के करीबियों और गुर्गों पर प्रदेश सरकार कार्रवाई कर रही है और मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है तो ऐसे में इमरान प्रतापगढ़ी का वो मुशायरा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
जो माफिया अतीक अहमद आज सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा रहा है कि उसे यूपी पुलिस को न सौंपा जाए, उसी अतीक के तलवे में मक्खन लगाकर चांटते हुए कांग्रेसी इमरान प्रतापगढ़ी शायरी पढ़ा करता था। pic.twitter.com/ouK0eXQuxa
— Prashant Umrao (Modi Ka Parivar) (@ippatel) March 1, 2023
मुशायरे में इन पंक्तियों से अतीक के दिल में उतर गए थे इमरान प्रतापगढ़ी
ये एक शायर का दावा है कभी भी रद्द नहीं होगा
(अतीक की तरफ इशारा करते हुए)
तेरे कद के बराबर अब किसी का कद नहीं होगा
इलाहाबाद वालों बात मेरी याद रखना तुम
(बहुत कुछ सोचा है मैंने इन मिसरों को कहने से पहले, बहुत कुछ सुना है, बर्दाश्त किया है तब मैं हिम्मत कर पाया हूं… जान हथेली पर लिए बोल रहा हूं जो सच, उसको इस देश के अखबार नहीं लिख सकते)
कई सदियों तलक कोई अतीक अहमद नहीं होगा
बड़ी दुश्वारियां हैं पर जिसे गाया, जरूरी है
(क्यों एक पढ़ा-लिखा शायर, क्यों इस देश का बहुत जिम्मेदार शहरी, दुनिया में मशहूर शायर ये मिसरे कहने पर मजबूर हुआ वो इसलिए क्योंकि… कभी-कभी मैं सिविल लाइंस में कॉफी हाउस में खड़े होकर कॉफी पीता हूं तो मैं ये जानता हूं कि कुछ भी हो, यहां से महज कुछ किमी की दूरी पर एक शख्स बैठा है जो सब संभाल लेगा) इसके बाद तालियां बजने लगीं थीं महफिल में.
छलक कर दर्द होठों तक चला आया जरूरी है
इलाहाबाद वालों बात मेरी याद रखना तुम
तुम्हारे शहर पर इस शख्स का साया जरूरी है
मुख्तार अंसारी की खुशामद में ये शेर भी पढ़ा
‘कल भी सब पर भारी था मैं आज भी सब पर भारी हूँ बच्चा-बच्चा चीख रहा है मैं मुख़्तार अंसारी हूँ.’
वर्तमान में इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस के सांसद हैं
बता दें कि कभी अतीक अहमद की तारीफ में शायरी पढ़ने वाले शायर इमरान प्रतापगढ़ी इस समय कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. उन्हें यश भारती सम्मान मिल चुका है और जिस कार्यक्रम में उन्होंने अतीक की प्रशंसा की थी, वो कार्यक्रम 25 नवंबर 2015 को मजीदिया इस्लामिया इंटर कॉलेज, प्रयागराज में हुआ था. इमरान ने उस शाम अतीक की तारीफ में जो-जो कहा, आजकल फिर से याद किया जा रहा है. कई लोगों ने ट्विटर पर उस मुशायरे के क्लिप शेयर किए हैं. बताया जाता है कि इमरान की शायरी प्रियंका गांधी को इतनी पसंद थी कि उन्होंने इमरान को राजनीति में आते ही न सिर्फ सांसद बना दिया बल्कि वो प्रियंका गांधी के बेहद करीबी भी हो गए थे.
-भारत एक्सप्रेस