केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान.
Chirag Paswan on Lok Sabha Speaker: 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी से ओम बिरला ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. वहीं, कांग्रेस की तरफ से के सुरेश ने नामांकन पर्चा भरा है. इस बीच लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बयान सामने आया है. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा-“जब भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है, तो वे दलित कार्ड चल देते हैं.
विपक्ष के लिए दलित नेता प्रतीकात्मक उम्मीदवार!
2002 में जब उन्हें पता था कि वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को उम्मीदवार बनाया था. 2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने श्रीमती मीरा कुमार जी को उम्मीदवार बनाया. अब जब उनके पास स्पष्ट रूप से लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए संख्याबल नहीं है तो वे कांग्रेस के दलित के नेता सुरेश जी को नामांकित कर रहे हैं. विपक्ष के लिए क्या दलित नेता केवल और केवल प्रतीकात्मक उम्मीदवार हैं?”
जब भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है, तो वे दलित कार्ड चल देते हैं। 2002 में जब उन्हें पता था कि वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को उम्मीदवार बनाया था। 2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद…
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) June 25, 2024
उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास रहता है…
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें याद नहीं आता कि आजादी के बाद कभी लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि अगर इस पद के लिए चुनाव होता है तो भी राजग के उम्मीदवार ओम बिरला की जीत निश्चित है. वहीं, दूसरी ओर लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के सुरेश ने कहा कि परंपरा के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास रहता है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की सरकार ने पिछले दो कार्यकाल के दौरान विपक्ष को यह जिम्मेदारी नहीं दी.
-भारत एक्सप्रेस