केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया रैंप वॉक.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुकांत मजूमदार ने शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव फैशन शो में भाग लिया, जहां दोनों ने रैंप पर मॉडल की तरह वॉक किया. इस अवसर पर, उन्होंने नॉर्थईस्ट स्टाइल की जैकेट पहनी, जो पूर्वोत्तर भारत की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को प्रमोट करने का उद्देश्य था.
सिंधिया ने एक्स पर शेयर की पोस्ट
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, “यह संस्कृति और रचनात्मकता का वास्तविक उत्सव था! पूर्वोत्तर भारत की जीवंत शैलियों को दर्शाने वाले इस फैशन शो में बिताया गया समय अद्भुत था. प्रत्येक राज्य के प्रतिभाशाली कलाकारों और मॉडलों ने अपनी कला को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया. अपने सहयोगी सुकांत मजूमदार के साथ इस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है.”
Truly a celebration of culture and creativity!
Had an amazing time at the fashion show showcasing the vibrant styles of Northeast India! Each state was beautifully represented by talented artists and models. Honoured to be part of the event with my colleague Sh @DrSukantaBJP… pic.twitter.com/eyj39NSvTm
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 7, 2024
केंद्रीय मंत्री और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध और विविध टेक्सटाइल इंडस्ट्री, कला, शिल्प और GI (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग वाले उत्पादों को एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगा.
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के साथ भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव फैशन शो में रैंप वॉक किया।
(सोर्स: ज्योतिरादित्य सिंधिया का कार्यालय) pic.twitter.com/MCIlKJbGxt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2024
8 दिसंबर तक चलेगा महोत्सव
यह महोत्सव, जो 6 से 8 दिसंबर तक नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम- की समृद्ध विविधता और संस्कृति को प्रदर्शित करने का उद्देश्य रखता है. प्रधानमंत्री मोदी ने इन राज्यों को ‘अष्टलक्ष्मी’ नाम दिया, जो उनके विकास और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है. महोत्सव में पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पादों और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम और पहलें आयोजित की गई हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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