UP
-कौशलेंद्र पांडे की रिपोर्ट
UP: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के लोगों ने एक अनोखी शादी कराई है. इस शादी में दुल्हा मेंढक तो दुल्हन मेंढकी बनी. कहा गया कि यह विवाह इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए किया गया. दरअसल, यूपी के सोनभद्र के आसपास गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है. भीषण गर्मी और हीट वेव का सामना कर रहे गांव में रहने वाले आदिवासियों ने सदियों पुरानी परंपरा का पालन करते हुए दोनों मेंढकों की शादी कराने का फैसला किया. मेंढक को दूल्हे की तरह सजाया गया, जबकि मादा मेंढक दुल्हन बनी हुई थी. बाकायदा, शादी से पहले के सभी रश्म निभाए गए. मेंढक की शादी से पहले हल्दी की रस्म भी निभाई गई.
लोगों ने आजमाए टोटके
बता दें कि पिछले 25 दिनों से पूर्वांचल सहित कई जनपदों में सूखे जैसी स्थिति है. नर्सरी वाली क्यारियों में दरारें पड़ गई हैं. वहीं किसान की बारिश में उम्मीद टूटने से लगे हैं. हालत यह हो गई कि धान का कटोरा कहे जाने विजयगढ़़ क्षेत्र में भी बारिश के लिए त्राहि-त्राहि मचने लगी है. हालात को देखते हुए इलाके के लोग टोटका आजमाने लगे हैं. सोनभद्र में दुद्धी तहसील क्षेत्र के मझौली गांव में शुक्रवार का एक ऐसा ही अनोखा नजारा देखने मिला. यहां एक गांव के डीहवार बाबा के स्थल पर मेंढक-मेंढ़की की शादी की पूरी रस्म निभाई गई. वहीं, ढोल-ताशे पर जमकर ठुमके लगाने के साथ ही मंगल गीत गाए गए. इस आयोजन को लेकर ग्रामीणों में उत्साह की भी स्थिति देखने को मिली.
शादी बना कौतूहल का विषय
आदिवासी बहुल सोनभद्र में वैसे तो सामान्य परंपराओं से इतर कई आयोजन देखने को मिल जाते हैं लेकिन मेंढक-मेंढ़की की शादी रचाए जाने की परंपरा असमान्य है. शुक्रवार को इंद्रदेव के लिए आयोजित यह कार्यक्रम पूरे इलाके के लिए कौतूहल का विषय बन गया. दुद्धी क्षेत्र के मझौली गांव के सैकड़ों ग्रामीण हल्दी की रस्म अदा करते हुए बैंड-बाजे की धुन पर नाचते-गाते गांव के डीहवार बाबा स्थल पर पहुंचे. यहां पहले से मौजूद दुमहान गांव के लोगों से मुलाकात की. एक गांव के लोगों ने घराती तो दसूरे गांव के लोगों ने बाराती की पंरपरा निभाई. जनसामान्य के बीच प्रचलित विधि से विवाह संपन्न कराने के बाद मेंढक-मेंढकी दोनों को पास के जलाशय में ले जाकर छोड़ दिया गया. वहीं इस अनोखी शादी में पंडित की भूमिका निभाने वाले मझौली गांव के बैगा रामवृक्ष ने बताया कि बारिश नहीं हो रही है. इससे सूखे की स्थिति बनती जा रही है. इससे निजात के लिए यह परंपरा निभाई गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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