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UP News: बालासोर रेल हादसे के बाद सतर्क हुआ यूपी, लखनऊ-गोरखपुर रूट पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम का शुरू किया गया काम

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि, अब तक ट्रेनों के बीच की दूरी कम से कम से आठ किलोमीटर होती है, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद ट्रेनों की टाइमिंग में भी सुधार हो जाएगा.

Odisha Train Accident

बालासोर ट्रेन हादसे की फाइल फोटो

UP News: बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे के बाद से पूरा देश कांप उठा है. अब ट्रेन में सफर करना कितना सुरक्षित है, इसको लेकर एक बहस छिड़ गई है. कुछ लोगों को अब ट्रेन में सफर करने से चिंता होने लगी है. वहीं प्रदेश सरकार ने इस घटना के बाद एक बड़ा कदम उठाया है. लखनऊ-गोरखपुर रूट पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम का काम शुरू कर दिया गया है. ऐसा होने के बाद ट्रेनों को तेजी से आगे निकालने में मदद मिल सकेगी.

बता दें कि बालासोर की घटना के बाद उत्तर प्रदेश में रेलवे की यात्रा को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक लखनऊ से गोरखपुर रूट पर अब एक किलोमीटर के दायरे में ट्रेनें आगे-पीछे चल सकेंगी और ये काम सम्भव होगा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से. फिलहाल इसे लगाने का प्रदेश में तेजी से शुरू कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, एक साल में पूरा रूट ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से लैस हो जाएगा.

पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि, अब तक ट्रेनों के बीच की दूरी कम से कम से आठ किलोमीटर होती है. तो वहीं आगे चल रही ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद पीछे वाली ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दिया जाता है, लेकिन जैसे ही नई व्यवस्था लागू हो जाएगी, वैसे ही ट्रेनों की टाइमिंग में भी सुधार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि, रेल खंडों में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. इससे लोगों को रेल में सुरक्षित यात्रा का लाभ मिल सकेगा.

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नई व्यवस्था लागू होनें के बाद इस तरह आगे बढ़ेंगी ट्रेनें

सीपीआरओ ने आगे जानकारी दी कि, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के बीच (ब्लॉक सेक्शन) प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाएंगे. जैसे-जैसे सिग्नल हरे होते जाएंगे पीछे चल रही ट्रेन आगे बढ़ती जाएगी. सीपीआरओ ने आगे बताया कि, ट्रेनों में यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराने के लिए केबल बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. गोरखपुर से लखनऊ के बीच हर दो ब्लॉक के बीच एक हट बनाया जाएगा और इसी में सिग्नल से जुड़े संयंत्र को रखा जाएगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि फॉल्ट आने के तुरंत बाद ही इसे सही किया जा सके. उन्होंने बताया कि, सिग्नल पहले लाल, फिर डबल पीला और फिर पीला होने के बाद हरा हो जाएगा. उन्होंने आगे जानकारी दी कि, इसके अनुसार लोको पायलेट एक किमी की दूरी रखते हुए ट्रेन चला सकेंगे.

डोमिनगढ़ और टिनीच के बीच शुरू हुआ काम

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने मीडिया को आगे जानकारी दी कि, ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का काम डोमिनगढ़ और टिनीच के बीच शुरू हो चुका है. उन्होंने बताया कि, रूट सर्वे और मार्किंग ऑफ ब्लॉक का काम दो ब्लॉक खंड में पूरा हो चुका है.

-भारत एक्सप्रेस

 

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