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UP News: रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को यूपी में अवैध तरीके से बसाने वाले अबू सालेह को UP ATS ने किया गिरफ्तार, आतंकी गतिविधियों को ऐसे दे रहा था अंजाम

एटीएस के एडीजी ने बताया कि, मंडल के खिलाफ पुख्ता सबूत है कुछ अहम जानकारियां हासिल करना बाकी है जिसके लिए उसे जरूरत पड़ने पर पुलिस कस्टडी पर भी लिया जाएगा. फिलहाल उसके खिलाफ और भी जांच जारी है.

फोटो-सोशल मीडिया

UP News: रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को अवैध घुसपैठ कराकर उत्तर प्रदेश के तमाम राज्यों में बसाने और उनको आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने के साथ ही आतंकी गतिविधियों में शामिल मास्टरमाइंड, 50 हजार रुपये के इनामी अबू सालेह मंडल को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वह अमेरिका में आतंकी गतिविधियों के चलते प्रतिबंधित NGO से फंडिंग लेकर भारत में घुसपैठ कराने के साथ ही रोहिंग्याओं को आर्थिक मदद पहुंचाता था. अबू सालेह के खिलाफ यूपी एटीएस को पुख्ता सबूत मिले हैं. जांच में ये भी पाया गया है कि अबू सालेह ने लखनऊ के मानक नगर से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को अवैध घुसपैठ कराकर यूपी के तमाम इलाकों में बसाया है. तो वहीं उसको आतंकी कनेक्शन वाली संस्था से 4 साल में 58 करोड़ की फंडिंग भी मिल चुकी है.

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, एटीएस लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल अपराधियों की जांच में जुटी हुई है. इसी बीच एटीएस को पता चला कि मास्टरमाइंड अबू सालेह मंडल ने फर्जी बिलिंग कराकर और हवाला के माध्यम से धन नकद में प्राप्त किया है. इसी के बाद एटीएस ने उसके खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाए और इसी के बाद यूपी एटीएस ने सोमवार को लखनऊ के मानक नगर से अबू सालेह मंडल को गिरफ्तार कर लिया. अबू सालेह मंडल मूलतः पश्चिम बंगाल के 24 परगना का रहने वाला है और उसने देवबंद के दारुल उलूम मदरसा से पढ़ाई की है. अबू सालेह ने रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की भारत में घुसपैठ कराने में मदद की और फिर रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार कराए. इसके बाद इन लोगों को उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों और देश के तमाम राज्यों में बसा दिया. बताया जा रहा है कि वह भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस सिंडिकेट से जुड़ा है और वह इसका मास्टर माइंड है. बता दें कि यूपी एटीएस ने बीते साल एक ही सिंडिकेट के छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एटीएस ने आरोपियों से पुलिस कस्टडी रिमांड पर एटीएस ने आरोपियों से पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ की तो इनके पीछे एक दूसरा ही शख्स मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया, जो अपनी दो NGO के नाम पर लंदन की उस संस्था से फंडिंग ले रहा था जिसे आतंकी गतिविधियों के चलते अमेरिका बैन कर चुका है. एटीएस को जानकारी मिली कि, अबू सालेह विदेशी फंडिंग का यह पैसा भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है. इसी के बाद से जांच में जुटी एटीएस ने पुख्ता सबूत मिलने के बाद राम मंदिर उद्घाटन से पहले अबू सालेह को गिरफ्तार कर लिया. अबू सालेह मंडल दो NGO, हरोआ अल जामियातुल इस्लामिया दारुल उलूम मदरसा और कबीर बाग मिल्लत एकेडमी चलाता है.

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4 साल में की गई 58 करोड़ की फंडिंग

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, एटीएस को जांच में मिला है कि अबू सालेह की दोनों ही संस्थाओं के खाते में साल 2018 से 2022 के बीच यानी 4 साल में 58 करोड़ की फंडिंग भेजी गई. जांच में पाया गया कि, यह फंडिंग लंदन की उम्मा वेलफेयर ट्रस्ट से की गई, जिसको टेरर फंडिंग में संलिप्तता के चलते अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है. एटीएस ने जांच में ये भी पाया है कि अबू सालेह मंडल ने विदेशी फंडिंग को फर्जी बिलिंग से कैश करता था और इसके लिए वह अपने करीबी अब्दुल्ला गाजी के नाम पर गाजी फूड्स सप्लाई और गाजी मशीनरीज के नाम की फर्जी कंपनियां बना भी रखी थी. इसके तहत फर्जी बिल लगाकर हवाला के जरिए भी रकम हासिल की गई थी. यूपी एटीएस ने शुरुआती जांच में अबू सालेह के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए हैं. एटीएस के एडीजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि मंडल के खिलाफ पुख्ता सबूत है कुछ अहम जानकारियां हासिल करना बाकी है जिसके लिए उसे जरूरत पड़ने पर पुलिस कस्टडी पर भी लिया जाएगा. फिलहाल उसके खिलाफ और भी जांच जारी है.

-भारत एक्सप्रेस

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